Tuesday, April 23, 2024
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भारत और फ्रांस के बीच सैन्य अड्डों के उपयोग के लिए रणनीतिक समझौता

रक्षा संबंधों में आई प्रगाढ़ता प्रदर्शित करते हुए भारत और फ्रांस ने आज युद्धक पोतों के लिए नौसैन्य अड्डों के द्वार खोलने सहित एक दूसरे के सैन्य केन्द्रों के उपयोग की व्यवस्था करने वाले एक रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर किये।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 10, 2018 21:48 IST
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Image Source : PTI india france

नयी दिल्ली: रक्षा संबंधों में आई प्रगाढ़ता प्रदर्शित करते हुए भारत और फ्रांस ने आज युद्धक पोतों के लिए नौसैन्य अड्डों के द्वार खोलने सहित एक दूसरे के सैन्य केन्द्रों के उपयोग की व्यवस्था करने वाले एक रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर किये। दोनों देशों के बीच यह समझौता हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढते सैन्य विस्तार के बीच हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कई मुद्दों पर चर्चा की और इस दौरान उन्होंने रक्षा एवं रणनीतिक संबंधों को और गहरा करने के तरीके खोजने के लिए मंत्रीस्तरीय सालाना रक्षा वार्ता शुरू करने का फैसला किया। 

दोनों देशों ने गोपनीय या संरक्षित सूचना की अदला बदली और सुरक्षा पर भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब भारत की सरकार ने अरबों डालर के भारत फ्रांस राफेल लड़ाकू विमान समझौते के बारे में विस्तृत जानकारी देने से इंकार किया है। समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में संबंधों पर फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सहयोग के‘‘ अभूतपूर्व’’ स्तर पर जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां समुद्री क्षेत्र की गतिविधियों के लिए संयुक्त निगरानी तंत्र तैयार करेंगी जबकि दोनों देशों की नौसेनाएं खुफिया सूचनाएं साझा करेंगी तथा कोई जरूरत पड़ने पर अपने अपने सैन्य अड्डों से संपर्क करेंगी। इसके अलावा, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और फ्रांस की उनकी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ले ने बातचीत की और इस दौरान भारतीय नौसेना के स्कोर्पीन पनडुब्बी कार्यक्रम सहित कई खास परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। इस बीच, भारत और फ्रांस ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग बढाने तथा समुद्री क्षेत्र में इसका प्रयोग करने का फैसला किया। 

प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बीच बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र में काम की गति बढाने का फैसला किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन: इसरो: और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस ने आपसी हित वाले क्षेत्रों में पोतों का पता लगाने, पहचान करने और निगरानी करने के सिलसिले में समझौते पर हस्ताक्षर किये। दोनों देशों ने तेज रफ्तार रेल नेटवर्कों को ध्यान में रखते हुए रेल क्षेत्र में सहयोग के लिए दो समझौते किये। 

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