Thursday, March 28, 2024
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भारत, चीन ने सेनाओं के बीच संवाद सुधारने का निर्णय, 4 दिनों के भारत दौरे पर है चीनी रक्षा मंत्री

भारत और चीन ने रक्षा सहयोग में नए द्विपक्षीय समझौते पर काम करने का आज निर्णय किया और अपनी सेनाओं के बीच विभिन्न स्तर पर संवाद बढ़ाने पर सहमत हुए ताकि डोकलाम की तरह के गतिरोध से बचा जा सके।

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Updated on: August 24, 2018 10:46 IST
भारत, चीन ने सेनाओं के बीच संवाद सुधारने का निर्णय किया - India TV Hindi
Image Source : पीटीआई भारत, चीन ने सेनाओं के बीच संवाद सुधारने का निर्णय किया 

नई दिल्ली: भारत और चीन ने रक्षा सहयोग में नए द्विपक्षीय समझौते पर काम करने का निर्णय किया और अपनी सेनाओं के बीच विभिन्न स्तर पर संवाद बढ़ाने पर सहमत हुए ताकि डोकलाम की तरह के गतिरोध से बचा जा सके। अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके चीनी समकक्ष वेइ फंगह के बीच करीब दो घंटे चली बैठक में दोनों देशों की सेनाओं के बीच परस्पर विश्वास बहाली के उपाय पर ध्यान केंद्रित किया गया। दोनों देशों की सेनाएं 3500 किलोमीटर भारत-चीन सीमा की रक्षा करती हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने प्रस्तावित हॉटलाइन को जल्द से जल्द शुरू करने पर भी निर्णय किया।

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कश्मीर में CPEC भारत की संप्रभुता का हनन

सूत्रों ने कहा कि सीतारमण ने सीमा पार आतंकवाद के कारण भारत के समक्ष आने वाली चुनौतियों, अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के बारे में अपने विचार और दक्षिण चीन सागर में नौवहन स्वतंत्रता और उसके ऊपर से विमानों के उड़ने के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरीडोर के मुद्दे पर भी चर्चा की जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरता है। उन्होंने कहा कि यह भारत की संप्रभुता का हनन है। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने अप्रैल में वुहान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच लिए गए निर्णयों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया। इसमें दोनों सेनाओं के बीच सामरिक संवाद बढ़ाना भी शामिल है।

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सशस्त्र सेनाओं के बीच संवाद बढ़ाने का निर्णय

रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास और अन्य पेशेवर जुड़ाव को लेकर सशस्त्र सेनाओं के बीच संवाद बढ़ाने का निर्णय किया गया। दोनों पक्षों ने रक्षा आदान-प्रदान को लेकर नए द्विपक्षीय एमओयू पर भी काम करने और 2006 में दस्तखत किए गए एमओयू को बदलने के लिए सहयोग करने का निर्णय किया। इसने कहा कि सीतारमण और वेइ ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर स्वतंत्र, बेझिझक और सकारात्मक तरीके से चर्चा की। मंत्रालय ने कहा, विश्वास बहाली के उपायों को पूरी तरह लागू करने के लिए काम करने पर सहमति बनी। साथ ही शांति और धैर्य बनाए रखने के लिए कार्यकारी स्तर पर ज्यादा संवाद स्थापित कायम करने पर भी सहमति बनी।

चार दिनों की भारत यात्रा पर चीनी रक्षामंत्री वेइ

वेइ चार दिनों की भारत यात्रा पर मंगलवार को भारत पहुंचे थे। उनकी यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच विश्वास बहाली के उपाय तलाशना है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच पिछले वर्ष डोकलाम में 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा। सिक्किम सेक्टर में स्थित डोकलाम सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिस पर भूटान अपना दावा करता है। संवेदनशील क्षेत्र में भारत इस छोटे देश के सुरक्षा गारंटीकर्ता के रूप में काम करता रहा है। बैठक में दोनों पक्ष दोनों देशों की सेनाओं के बीच प्रस्तावित हॉटलाइन को जल्द से जल्द शुरू करने पर सहमत हुए। बहरहाल यह पता नहीं चला कि क्या दोनों पक्ष मुद्दों का समाधान कर पाएंगे जिसे शुरू किए जाने में विलंब हो रहा है।

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