Friday, March 29, 2024
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रेड अलर्ट: मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी, प्री मॉनसून सूखा! लेकिन इस तारीख को दस्तक दे सकता है मॉनसून

पूरे देश में भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। उत्तर भारत के कई शहर एसी-कूलर को फेल कर देने वाली गर्मी से तप रहे हैं। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 03, 2019 13:30 IST
IMD issues red alert for heat waves temperature increases for next few days- India TV Hindi
IMD issues red alert for heat waves temperature increases for next few days

नई दिल्ली। पूरे देश में भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। उत्तर भारत के कई शहर एसी-कूलर को फेल कर देने वाली गर्मी से तप रहे हैं। भीषण गर्मी के चलते मौसम विभाग ने राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। राजस्थान के चुरू में पारा 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है। भीषण गर्मी की तपिश झेल रहे देशवासियों को अगले कुछ दिनों तक लू से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। 

हालांकि मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता में हुई हल्की बारिश ने वहां लोगों को थोड़ी राहत दी है लेकिन देश के बाकी हिस्से में सूरज की रोशनी ने सबकुछ झुलसा दिया है। मॉनसून में देरी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। स्थिति यह है कि दुनिया के शीर्ष 15 सबसे गरम शहरों में 8 भारत के हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों का पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार आज और कल उत्तर-पश्चिम, सेंट्रल भारत और इससे सटे प्रायद्वीप में जबरदस्त लू चलेगी। मौसम विभाग के मुताबिक कई जगहों पर तापमान सामान्य से अधिक रहा और अगले सप्ताह से पहले इससे राहत मिलने की संभावना नहीं है।

मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार रेड अलर्ट के दौरान दिन में बाहर निकलना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। लू के चलते मौसम विभाग 4 श्रेणियों में अलर्ट जारी करता है। जिसमें रेड, ऑरेंज, येला व ग्रीन अलर्ट शामिल है। रेड अलर्ट तब जारी किया जाता है जब सामान्य अधिकतम तापमान से 4 डिग्री से अधिक तापमान हो। इसके बाद ऑरेंज अलर्ट जारी होता है, जिसमें लू को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। जबकि येला अलर्ट में लू की संभावना जताई जाती है। 

दुनिया के 15 सबसे गर्म शहरों में भारत के 8 शहर शामिल

वेदर वेबसाइट अल डोराडो के मुताबिक दुनिया के 15 सबसे गर्म शहरों में भारत के 8 शहर हैं। वेबसाइट के अनुसार 3 जून को चुरू (50.0), गंगानगर (48.6), जोधपुर के फलोदी (48.2), बीकानेर (48.1), जैसलमेर(47.8), नौगांव (47.7), नारनौल (47.6) और खजुराहो (47.5) सबसे गर्म शहरों में से हैं। 

देश के 7 शहर का पारा 45 डिग्री पार

मौमस विभाग के अनुसार 2 जून को बीकानेर 48.4, जयपुर 45, जैसलमेर, 46.4, उदयपुर 45.4, ग्वालियर 45, अकोला 45.4 और गंगानगर 47 डिग्री सेल्सियस के साथ देश के सबसे गर्म शहर रहे हैं। 

4-6 जून के बीच दिल्ली-एनसीआर में बारिश! 

मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली वालों को अभी भीषण गर्मी झेलनी होगी। शहर का अधिकतम तापमान 43 डिग्री के आसपास रह सकता है जबकि न्यूनतम तापमान 30 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार 4-6 जून के बीच दिल्ली-एनसीआर में बारिश होने का अनुमान है। 

यहां मिली थोड़ी राहत 

गर्मी से झुलस रहे देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई में आज सुबह हुई हल्की बारिश ने लोगों को राहत दी है। प्राइवेट मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार मुंबई के कुछ और हिस्सों में बारिश का अनुमान है। झारखंड, ओडिशा के कुछ हिस्सों और कोलकाता में रविवार को बारिश हुई जिससे वहां के लोगों को प्रचंड गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में रविवार को हुई भारी बारिश ने इलाके के लोगों को राहत दी है। अल्मोड़ा और चमोली में बादल फटने की भी खबर है।  

केरल में 6 जून को मॉनसून की दस्तक 

मौसम विभाग के मुताबिक छह जून को मॉनसून केरल तट पर पहुंच सकता है। हालांकि शुरुआती 10 दिनों में मॉनसूनी बारिश सामान्‍य से कम रह सकती है। इस साल केरल में मॉनसूनी बारिश देरी से होने के आसार हैं, जिसका असर पूरे देश पर पड़ेगा। वर्ष 1954 के बाद इस साल पहली बार मॉनसून पूर्व बारिश भी सबसे कम 99 मिलीमीटर हुई है। मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा, 'मॉनसून आने के बाद उसकी रफ्तार धीमी रह सकती है। अनुमानों के मुताबिक 10 जून के बाद मॉनसून जोर पकड़ सकता है। इसलिए जून के शुरुआती 10 दिनों में मॉनसूनी बारिश के कम रहने के आसार हैं। 

देश में प्री मॉनसून सूखा! 

भारतीय मौसम विभाग (indian metereological department) के डेटा के मुताबिक बीते 65 सालों में यह दूसरा मौका है, जब इस तरह से प्री-मॉनसून सूखे की स्थिति पैदा हुई है। 1954 के बाद से ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब प्री-मॉनसून में इतनी कम वर्षा हुई हो। तब देश में 93.9 मिलीमीटर बारिश रेकॉर्ड की गई थी। इसके बाद 2009 में मार्च, अप्रैल और मई के दौरान 99 मिलीमीटर बारिश हुई थी। फिर 2012 में यह आंकड़ा 90.5 मिलीमीटर का था और इसके बाद अब 2019 में 99 मिलीमीटर बारिश हुई है। 

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