Tuesday, April 23, 2024
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अगर मैं डॉक्टर और मुख्यमंत्री न होता तो सरहद पर तैनात सैनिक होता: रमन सिंह

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का कहना है कि अगर वह डॉक्टर या मुख्यमंत्री नहीं होते तब सरहद पर तैनात सैनिक होते

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: November 15, 2017 16:32 IST
raman singh- India TV Hindi
raman singh

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का कहना है कि अगर वह डॉक्टर या मुख्यमंत्री नहीं होते तब सरहद पर तैनात सैनिक होते। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मंगलवार को बाल दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय दुर्ग में आयोजित राज्य स्तरीय बाल मेले में स्कूली बच्चों से बातचीत के दौरान उक्त बात कही थी।

परिसंवाद कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से आए मेधावी बच्चों ने मुख्यमंत्री से कई दिलचस्प सवाल किए। एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘‘अगर मैं डॉक्टर और मुख्यमंत्री नहीं होता तो शायद एक सैनिक होता और देश की रक्षा के लिए एक सैनिक के रूप में सेना की वर्दी पहन सरहद पर तैनात रहता।’’

अधिकारियों ने बताया कि रमन सिंह ने इस कार्यक्रम में बस्तर के अबूझमाड़ क्षेत्र की शकुन्तला ध्रुव के सवाल के जवाब में कहा कि बचपन से ही उन्हें सेना की वर्दी काफी आकर्षित करती थी। सिंह ने बच्चों से कहा कि जीवन में सफल होने के लिए हमें किसी न किसी आदर्श की जरूरत होती है। उन्होंने भी अपने जीवन में स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श माना है और उनके विचारों से प्रेरणा लेकर आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सिंह से पंडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में शकुन्तला ध्रुव ने पूछा कि अबूझमाड़िया बच्चों को शिक्षक बनाने का विचार उनके मन में कैसे आया। तब मुख्यमंत्री ने शकुन्तला को बताया कि उस इलाके में शिक्षा की स्थिति पहले काफी खराब थी। दुर्ग के आर्यभट्ट विज्ञान केन्द्र में अबूझमाड़ की जिन बालक-बालिकाओं को शिक्षक बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वे निश्चित रूप से आगे चलकर शिक्षक बनेंगे और अबूझमाड़ का भविष्य संवारेंगे।

सिंह से छात्र डिकेन्द्र कुमार धुर्वे ने पूछा कि प्रयास आवासीय विद्यालयों की स्थापना की प्रेरणा उन्हें कहां से मिली। तब मुख्यमंत्री ने डिकेन्द्र से कहा कि उनके एक मेधावी सहपाठी बच्चे की पढ़ाई गरीबी के कारण छूट गई थी। इस पर उन्हें काफी दुःख हुआ था और उन्होंने सोचा था कि जब कभी उन्हें ऐसा कोई अवसर मिलेगा तो वह गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर इंतजाम करेंगे।

सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने पर मुझे अपने इस संकल्प को पूरा करने का अवसर मिला। सिंह ने बच्चों से कहा कि वे जिस छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, वहां से सफल होकर जीवन में कुछ बनने के बाद अपने इस छात्रावास को और अपने स्कूल को जरूर याद रखें।

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