Friday, March 29, 2024
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अपने हिस्से के सिंधु जल को पाकिस्तान में बहने से रोकने के लिए 3 परियोजनाओं में तेजी लाएगा भारत

पाकिस्तान के साथ हुई द्विपक्षीय सिंधु जल संधि के तहत अपने हिस्से के गैर इस्तेमालशुदा पानी को पड़ोसी देश में बहने से रोकने और उसका उपयोग करने के लिये भारत ने दो बांधों समेत तीन परियोजनाओं के काम में तेजी लाने का फैसला किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 25, 2018 21:16 IST
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Sindhu River

नयी दिल्ली: पाकिस्तान के साथ हुई द्विपक्षीय सिंधु जल संधि के तहत अपने हिस्से के गैर इस्तेमालशुदा पानी को पड़ोसी देश में बहने से रोकने और उसका उपयोग करने के लिये भारत ने दो बांधों समेत तीन परियोजनाओं के काम में तेजी लाने का फैसला किया है। सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन तीन परियोजनाओं में शाहपुर कांडी बांध परियोजना, पंजाब में दूसरा सतलुज-ब्यास संपर्क और जम्मू-कश्मीर में ऊझ बांध शामिल हैं। 

उनमें से एक ने कहा, ‘‘यह (तीन) परियोजनाएं लाल फीताशाही और अंतरराज्यीय विवादों में उलझी थीं। लेकिन अब इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने का फैसला किया गया है।’’ सिंधु जल संधि के तहत सिंधु की तीन सहायक नदियों - सतलुज, ब्यास और रावी - से बहने वाला पानी भारत को आवंटित किया गया है जबकि चेनाब, झेलम और सिंधु के जल को पाकिस्तान को आवंटित किया गया है। 

कुल 16.8 करोड एकड़ फीट में से भारत के हिस्से में आवंटित नदियों का पानी 3.3 करोड़ एकड़ फीट पानी है, जो लगभग 20 प्रतिशत है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत सिंधु जल संधि के तहत अपने हिस्से का करीब 93-94 फीसदी पानी इस्तेमाल करता है। बाकी पानी का कोई इस्तेमाल नहीं होता और यह पाकिस्तान चला जाता है।’’

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