Tuesday, April 16, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने बच्चियों के खतना से जुड़ी याचिका संविधान पीठ को भेजी

उच्चतम न्यायालय ने दाऊदी बोहरा मुस्लिमों में प्रचलित बच्चियों के खतना की प्रथा को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को पांच न्यायाधीशों वाली एक संविधान पीठ को भेज दी।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 24, 2018 13:26 IST
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने दाऊदी बोहरा मुस्लिमों में प्रचलित बच्चियों के खतना की प्रथा को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को पांच न्यायाधीशों वाली एक संविधान पीठ को भेज दी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ दिल्ली के एक वकील द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय की नाबालिग बच्चियों का खतना किए जाने की प्रथा को चुनौती दी गयी है। (पश्चिम बंगाल: दक्षिणी 24 परगना जिले में निर्माणाधीन पुल गिरा, सूबे में एक महीने के अंदर तीसरी घटना )

याचिका में कहा गया, “अवैध तरीके से (पांच साल से लेकर उनके किशोरी होने से पहले तक) की बच्चियों का खतना किया जाता है और यह बच्चों के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते, मानवाधिकारों पर संरा की सार्वभौमिक घोषणा के खिलाफ है जिसमें भारत भी एक हस्ताक्षरकर्ता है।” साथ ही इसमें कहा गया कि इस प्रथा के चलते, “बच्चियों के शरीर में स्थायी रूप से विकृति आ जाती है।”

दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के एक समूह ने इससे पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि बच्चियों का खतना इस्लाम के कुछ संप्रदायों में किया जाता है जिसमें दाऊदी बोहरा समुदाय भी शामिल है और अगर इसकी वैधता का आकलन किया जाता है तो उसे एक बड़ी संविधान पीठ से कराया जाना चाहिए।

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