Saturday, April 27, 2024
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सोनिया गांधी पर सवालों से कैसे निपटना है इस बारे में वकीलों को पर्चियां दे रहा है मिशेल: ईडी

प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर मामले में गिरफ्तार कथित बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल अपनी पूछताछ के दौरान विधिक सहायता की स्वतंत्रता का दुरुपयोग करते हुए अपने वकीलों को इस बारे में पर्चियां दे रहा है

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 29, 2018 21:02 IST
Enforcement Directorate- India TV Hindi
Enforcement Directorate

नयी दिल्ली: अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर मामले की सुनवायी करने वाली दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल पर प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में उसके वकीलों से मुलाकात पर पाबंदियां लगायीं। अदालत ने ये पाबंदी तब लगायी गई जब एजेंसी ने कहा कि मिशेल वकीलों को पर्चियां देकर उन्हें बता रहा है कि श्रीमती गांधी पर सवालों से कैसे निपटना है और ऐसा करके वह विधिक पहुंच का दुरुपयोग कर रहा है। मिशेल की हिरासत बढ़ाने के अनुरोध वाली अर्जी में प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी दावा किया उसने पूछताछ के दौरान एक इतालवी महिला के पुत्र और इस बारे में भी बात की कि किस तरह से वह देश का अगला प्रधानमंत्री बनने वाला है।

प्रवर्तन निदेशालय ने अनुरोध किया कि मिशेल की हिरासत के दौरान उसके अपने वकीलों से मुलाकात पर रोक लगायी जाए। निदेशालय ने आरोप लगाया कि उसे बाहर से उसके वकीलों के जरिये सिखाया जा रहा है। एजेंसी ने अदालत को बताया कि मिशेल ने 27 दिसम्बर को अपनी पूछताछ के दौरान श्रीमती गांधी का एक उल्लेख किया। चिकित्सकीय परीक्षण के दौरान आरोपी ने तह किया हुआ एक कागज अपने वकील ए के जोसेफ को सौंपा और यह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने देख लिया। कागज देखने के बाद यह पता चला कि यह 'श्रीमती गांधी' पर पूरक सवालों से संबंधित था। एजेंसी ने यद्यपि सोनिया गांधी का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया लेकिन कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि चूंकि चुनाव नजदीक हैं और उसके पास कोई वास्तविक मुद्दे नहीं हैं, वह एक विशेष परिवार का नाम लेने के लिए मिशेल पर दबाव बनाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। 
 
निदेशालय ने अदालत को बताया कि यह स्पष्ट है कि उन सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का एक षड्यंत्र है जो आरोपी से पूछताछ से सामने आ सकते हैं। एजेंसी ने कहा कि अदालत ने आरोपी को विधिक पहुंच का जो लाभ दिया है उसका दुरुपयोग किया जा रहा है। इसलिए इसे अब से रोक दिया जाना चाहिए। अदालत ने निर्देश दिया कि बचाव पक्ष के तीन वकील एक...एक करके आरोपी से दूर से मिल सकते हैं तथा विधिक सहायता दिन में सुबह दस बजे और शाम पांच बजे केवल 15 मिनट के लिए होगी। यह निर्देश अवकाशकालीन न्यायाधीश चंद्रशेखर के समक्ष मिशेल को पेश किये जाने के बाद आया। न्यायाधीश ने उसकी ईडी हिरासत सात दिन बढ़ा दी। निदेशालय ने कहा कि उसे नयी इकाइयों के बारे में ताजा सबूतों का पता चला है जिनका इस्तेमाल अपराध से जुड़े धन के शोधन में किया गया तथा मिशेल से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है ताकि अभी तक जिन भारतीय सम्पर्कों का पता चला है उनसे उसका सामना कराया जा सके। 
 
एजेंसी ने कहा कि उसे दिल्ली में विभिन्न जगहों पर ले जाने की जरूरत है ताकि उन स्थानों की पहचान की जा सके जहां उसने बैठकें की और जिनका इस्तेमाल उसने छिपने के अड्डों के तौर पर या अधिकारियों और अन्य के सत्कार के लिए किया। प्रवर्तन निदेशालय ने अर्जी में कहा कि गहरे षड्यंत्र का पता लगाने और उसके सभी सहयोगियों की पहचान के लिए उसकी हिरासत की जरूरत है जिसमें वायुसेना के अधिकारी, रक्षा मंत्रालय के अधिकारी, नौकरशाह और राजनेता शामिल हैं जिन्हें अगस्तावेस्टलैंड के पक्ष में ठेका प्राप्त करने में अनुचित लाभ हासिल हुआ। एजेंसी ने कहा कि मिशेल जांच के दौरान कुछ सवालों के जवाब टाल गया। आरोपी स्वयं को और अपने उन सहयोगियों को बचाने के लिए नये बहाने इस्तेमाल कर रहा है जिनको अपराध से अर्जित शोधित धन मिला या जिन्होंने इसमें मदद की। 
 
मिशेल को हाल में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था। उसे प्रवर्तन निदेशालय ने 22 दिसम्बर को गिरफ्तार किया था। उसे यहां की एक अदालत में पेश किया गया जिसने उसे घोटाले में धनशोधन के आरोपों को लेकर सात दिन के लिए एजेंसी की हिरासत में भेज दिया। मिशेल इससे पहले इससे जुड़े सीबीआई के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद था। मिशेल तीन कथित बिचौलियों में शामिल हैं जिनकी मामले में ईडी और सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है। अन्य में गुइदो हशके और कार्लो गेरोसा शामिल हैं। निदेशालय ने शनिवार को उसकी रिमांड हासिल करने के लिए दी गई अर्जी में कहा कि जांच से खुलासा हुआ है किमिशेल अगस्तावेस्टलैंड में प्रमुख बिचौलिया था जो विभिन्न स्तरों पर सौदे को आगे बढ़ा रहा था और वह संवेदनशील सूचना प्रसार एवं रिश्वत के भुगतान में महत्वपूर्ण था। एजेंसी ने कहा कि उससे हिरासत में पूछताछ जरूरी है ताकि धनशोधन के अपराध में विभिन्न व्यक्तियों की भूमिका, धन कहां से आया कहां गया और रिश्वत के भुगतान के बारे में पता चल सके। एजेंसी ने कहा कि मिशेल के लिए तैयार सवालों का जवाब नहीं मिला है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह धीरे धीरे लिख रहा है और उसका बयान विभिन्न प्रमुख पहलुओं पर लंबित है जो आरोपी द्वारा अपनायी गई कार्य प्रणाली को उजागर करने के लिए जरूरी हैं। 

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