कोलकाता: डीआरडीओ ने आज कहा कि सेना अपने पहले चरण की खरीद में टैंक रोधी मिसाइल नाग शामिल कर सकती है जिसकी मारक क्षमता थोड़ी कम है। डीआरडीओ इसके लिए मिसाइल की चार किलोमीटर की मारक क्षमता का लक्ष्य हासिल करने पर काम करेगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन :डीआरडीओ: द्वारा विकसित नाग मिसाइल तीसरी पीढ़ी का फायर एंड फॉर्गेट निर्देशित मिसाइल है जो बहुत कम थर्मर्ल कान्ट्रास्ट के साथ लक्ष्य का पता लगाने एवं उसपर वार करने की क्षमता से लैस है।
इस मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता चार किलोमीटर है, हालांकि भीषण गर्मी के दौरान नाग मिसाइल यह लक्ष्य हासिल नहीं कर पाता। डीआरडीओ के महानिदेशक एस क्रिस्टोफर ने यहां संवाददाताओं से कहा, हमने रक्षा मंत्री से अनुरोध किया और उन्होंने हमें सेना से यह बात करने को कहा कि पहले चरण में वह हल्की घटायी गयी मारक क्षमता और वह भी सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक, के साथ उसे स्वीकार कर सकते हैं। दूसरे चरण में हम लक्ष्य को लेकर कोशिश करेंगे और सुधार करेंगे।
उन्होंने कहा, अगर आप गर्मी में धूप में घंटों टैंक को छोड़ दें तो टैंक के अंदर और बाहर के तापमान के बीच शायद हीं कोई अंतर रहता है। इसी समय को लेकर हम चार किलोमीटर की मारक क्षमता का लक्ष्य हासिल नहीं कर पा रहे। हमने 3.2 किलोमीटर का लक्ष्य हासिल किया है। क्रिस्टोफर ने कहा कि हालांकि शाम चार बजे के बाद मिसाइल चार किलोमीटर तक का लक्ष्य पहचानने में सक्षम होता है।