Tuesday, April 23, 2024
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भारत ने चीन के अहंकार को कुचला, ड्रैगन दुम दबाकर भागा

जंग की धमकी देने वाला चीन आखिरकार डोकलाम से अपनी सेना हटाने को राजी हो गई। भारत भी इसी बात पर अड़ा था कि डोकलाम से दोनों सेना एकसाथ हटेगी और हुआ भी यही। अब डोकलाम से दोनों मुल्कों ने अपनी सेना हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इस रणनीति के पीछे कोई

India TV News Desk Written by: India TV News Desk
Updated on: August 29, 2017 10:02 IST
Doklam-standoff- India TV Hindi
Doklam-standoff

नई दिल्ली: चीनी मीडिया और सेना पिछले 73 दिनों से बार-बार जंग की धमकी दे रही थी और तो और डोकलाम विवाद के दौरान तीन बार चीनी सेना की तरफ से बॉर्डर पर युद्धाभ्यास भी किया गया। उसकी तरफ से एक नहीं, चार नापाक चालें चली गई। पहले बॉर्डर के करीब युद्धाभ्यास किया बाद में सेना और चीनी मीडिया की तरफ से जंग की धमकी दी, तीसरा लद्दाख में भारतीय सेना पर पत्थरबाजी की और चौथा उत्तराखंड में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की लेकिन हिंदुस्तान की सधी हुई रणनीति में चीन की हर चाल उलटी साबित हुई। ये भी पढ़ें: EXCLUSIVE: गुरमीत राम रहीम के कुकर्मों की कहानी, उसके राजदार की जुबानी

लेकिन जंग की धमकी देने वाला चीन आखिरकार डोकलाम से अपनी सेना हटाने को राजी हो गई। भारत भी इसी बात पर अड़ा था कि डोकलाम से दोनों सेना एकसाथ हटेगी और हुआ भी यही। अब डोकलाम से दोनों मुल्कों ने अपनी सेना हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इस रणनीति के पीछे कोई और नहीं बल्कि हमेशा पर्दे के पीछे रहने वाले अजीत डोवल है। वही डोवल जिनकी शानदार समझ-बूझ और अभेद्य रणनीति से पार पाना दुश्मनों के बूते की बात नहीं। उन्हें कोई सुपर कॉप कहता है तो कोई खतरों का खिलाड़ी तो कोई पीएम मोदी के जेम्स बॉड। यही पहचान है देश के नेशनल सिक्यूरिटी एडवाइजर अजीत डोवल की। ये उनकी काबिलियत का कमाल है कि डोकलाम में चीन ऐसा फंसा की उसे दुम दबाकर भागना पड़ा। यानी कूटनीति के हिसाब से ये भारत की बड़ी जीत है तो चीन की इंटरनेशनल बेइज्जती।

ये है ड्रैगन का 'डोकलाम कांड'

-सिक्किम से सटे भूटान के डोकलाम इलाके में चीनी सेना ने घुसपैठ की थी

-चीनी फौज डोकलाम इलाके में सड़क बनाने के लिए डोकलाम में घुसी थी
-18 जून 2017 को भारतीय सेना ने चीनी फौज को सड़क बनाने से रोका
-डोकलाम इलाके में सड़क बनाकर चीन सिक्किम पर शिकंजा कसने में लगा था
-डोकलाम को लेकर चीन ने भारत को युद्ध का डर दिखाने की कोशिश की
-चीन ने झूठे वीडियो बनवाकर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार भी किया
-चीन की दलील थी कि चीन-भूटान सीमा के डोकलाम में भारत का घुसना अवैध
-15 अगस्त 2017 को चीनी फौज ने लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश की
-डोकलाम विवाद के बाद चीन ने 3 बार युद्धाभ्यास के वीडियो जारी किए
-डोकलाम मसले पर अमेरिका और जापान ने भारत का साथ दिया
-युद्ध की धमकियों के बीच चीन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का दबाव बढ़ा
-28 अगस्त 2017 को चीन और भारत ने सेना हटाने का फैसला किया

73 दिनों तक चीन और भारत की सेना डोकलाम में आमने सामने थी। भले ही 1962 की जंग पर चीन इतरा रहा था लेकिन 1967 में जिस तरह से हिंदुस्तान ने बदला लिया था उसका अंदाजा चीन को बखूबी था क्योंकि 1967 में सिक्किम बॉर्डर पर चीनी सैनिकों को पीठ दिखाकर उलटे पांव भगाने पड़ा था। एक दो नहीं बल्कि 400 से ज्यादा घुसपैठिए चीनी सैनिक मारे गए थे। यही वजह है कि कूटनीति से लेकर युद्धनीति में चीन ऐसा फंसा कि डोकलाम उसके गले की हड्डी बन गई। ऐसे में भारत के हाथों हुई इंटरनेशनल बेइज्जती का दर्द चीन की तरफ से कुछ यूं बया किया गया।

“हम मानते हैं कि इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से कूटनीतिक स्तर पर सुलझाना भारत और चीन दोनो के हित में है। इससे ये भी साबित हुआ है कि चीन क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए एक जिम्मेदार शक्ति की तरह पेश आया है। चूंकि मौके पर स्थितियां बदली हैं, इसलिए चीन बदलाव के मुताबिक ही सेना का तैनाती और जरूरी व्यवस्था करेगा,” हुआ चुनयिंग, प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय।

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