Thursday, March 28, 2024
Advertisement

CIC के आदेश के बावजूद PMO ने काले धन की जानकारी देने से किया इनकार, कहा- जांच बाधित होगी

केन्द्रीय सूचना आयोग (CIC) ने 16 अक्टूबर को एक आदेश पारित किया था जिसमें पीएमओ से 15 दिनों के भीतर काले धन का ब्यौरा मुहैया कराने के लिए कहा गया था।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 25, 2018 22:01 IST
pm modi- India TV Hindi
pm modi

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सूचना का अधिकार (RTI) कानून के एक प्रावधान का हवाला देते हुए विदेश से लाए गए काले धन के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया है। पीएमओ ने जानकारी देने से इनकार करते हुए आरटीआई के उस प्रावधान का हवाला दिया जिसमें सूचना का खुलासा करने से जांच और दोषियों के खिलाफ मुकदमा चलाने में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

केन्द्रीय सूचना आयोग (CIC) ने 16 अक्टूबर को एक आदेश पारित किया था जिसमें पीएमओ से 15 दिनों के भीतर काले धन का ब्यौरा मुहैया कराने के लिए कहा गया था। इसी के जवाब में पीएमओ ने आरटीआई कानून के प्रावधान का हवाला देते हुए सूचना देने से इनकार किया है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए ख्यात सरकारी अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के आरटीआई आवेदन के जवाब में पीएमओ ने कहा, ‘‘इस समय सरकार द्वारा दोषियों के खिलाफ किए गए सभी कार्यों/ प्रयासों का खुलासा जांच या धर-पकड़ या मुकदमे की पूरी प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है, इसलिए इसमें आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (एच) के तहत दी गई छूट का प्रावधान लागू होता है।’’ पीएमओ ने कहा कि ऐसी जांच विभिन्न सरकारी खुफिया और सुरक्षा संगठनों के दायरे में आती है जिन्हें आरटीआई अधिनियम के दायरे से बाहर रखा गया है।

भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) के अधिकारी चतुर्वेदी ने एक जून 2014 के बाद से देश में विदेश से लाए गए काले धन के बारे में जानने के लिए एक आरटीआई आवेदन दायर किया था। आरटीआई आवेदन की प्रारंभिक जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि मांगी गई जानकारी इस पारदर्शिता कानून की सूचना को परिभाषित करने वाली धारा 2 (एफ) के दायरे में नहीं आती है। इसके बाद चतुर्वेदी ने केन्द्रीय सूचना आयोग का रुख किया, जहां पिछले महीने पीएमओ से 15 दिनों के भीतर सूचना मुहैया कराने को कहा गया था। ऐसे में इस समय भारत में और विदेश से लाए गए काले धन की मात्रा के बारे में कोई आधिकारिक अनुमान आकलन उपलब्ध नहीं है।

अमेरिका स्थित थिंक टैंक ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी (जीएफआई) के एक अध्ययन में दिए गए एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2005-2014 के बीच भारत में 770 अरब अमेरिकी डॉलर का कालाधन पहुंचा है। वैश्विक वित्तीय निगरानी संस्था ने बताया कि इसी समयावधि के दौरान देश से करीब 165 अरब अमेरिकी डॉलर की अवैध राशि बाहर भेजी गई। चतुर्वेदी के आरटीआई आवेदन में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में पीएमओ ने केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ प्राप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों का ब्यौरा साझा करने से इनकार किया है और कहा कि ऐसी जानकारी प्रदान करना ‘‘व्यक्तिपरक और साथ ही काफी कठिन काम हो सकता है।’’

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement