Friday, April 19, 2024
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नए दर्जे के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया शुरू होगी

शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, बिना समय गंवाए केंद्र सरकार ने नए जम्मू एवं कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार, "विधानसभा क्षेत्रों का नया परिसीमन विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा पूरा किया जाएगा।"

IANS Reported by: IANS
Published on: September 16, 2019 16:37 IST
Kashmir- India TV Hindi
Image Source : PTI नए दर्जे के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया शुरू होगी

श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के नए परिसीमन का मामला अब केंद्र सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है, ताकि केंद्रशासित प्रदेश में जल्द से जल्द चुनाव करवाया जा सके। जहां तक विधानसभा सीटों का सवाल है, प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया के बाद जम्मू क्षेत्र भी लगभग कश्मीर घाटी के बराबर हो जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने बीते वर्ष पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी(पीडीपी) से गठबंधन तोड़ लिया था, उसके बाद से जम्मू एवं कश्मीर में केंद्र का शासन है। राज्य का दो केंद्रशासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू एवं कश्मीर में बंटवारा 31 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगा। शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, बिना समय गंवाए केंद्र सरकार ने नए जम्मू एवं कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार, "विधानसभा क्षेत्रों का नया परिसीमन विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा पूरा किया जाएगा।"

सूत्रों ने कहा, "प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) में कई बैठकें पहले ही हो चुकी हैं। इसके तहत पहला कदम एमएचए की ओर से चुनाव आयोग को परिसीमन प्रक्रिया के लिए आग्रह करना है। यह आग्रह इस वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह में किया जा सकता है।" चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा, "आयोग को जरूरी सूचना प्राप्त हो जाने के बाद, वह इसके लिए सूची जारी करेगा और परिसीमन प्रक्रिया के लिए उप-समितियों का गठन करेगा।" सूत्रों ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया 14 महीनों के भीतर नौ से दस चरणों में पूरी होगी।

सरल भाषा में, इसका मतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर में अगला विधानसभा चुनाव 2021 में पहली या दूसरी तिमाही में किसी समय हो सकता है। जम्मू एवं कश्मीर में फिलहाल 83 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें 46 घाटी में और 37 जम्मू क्षेत्र में है। शीर्ष सूत्रों ने बताया कि परिसीमन प्रक्रिया जम्मू क्षेत्र की समस्या का निदान करेगी, जिसे प्रक्रिया पूरी होने के बाद सात अतिरिक्त विधानसभा सीटें मिलने की संभावना है।

एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, "इसकी भी संभावना है कि अनुसूचित जाति आरक्षण के अलावा जनजातीय गुज्जरों, पहाड़ी, कश्मीरी प्रवासी हिंदू, पश्चिम पाकिस्तान से बसने वालों के लिए अतिरिक्त सीटों की घोषणा की जाएगी।" उन्होंने कहा, "इससे निश्चित ही चुनावी संतुलन जम्मू क्षेत्र की ओर झुकेगा, जिसे 44 विधानसभा सीटें मिलेंगी। इसके अलावा जनजातीय और कश्मीरी हिंदुओं पर इ क्षेत्र का राजनीतिक प्रभाव बना रहेगा।"

घाटी में मुख्यधारा की राजनीति नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स कांफ्रेंस, कांग्रेस और कुछ निर्दलीयों के बीच बंटी हुई है, लेकिन जम्मू क्षेत्र में इसके जबरदस्त प्रभाव की वजह से भाजपा 2021 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। भाजपा नेता ने कहा, "इससे जम्मू क्षेत्र से किसी हिंदू मुख्यमंत्री का सपना पूरा होगा, जो सुनिश्चित करेगा कि केंद्रशासित प्रदेश के दोनों क्षेत्रों में सभी विकास और प्रशासनिक कार्य समान रूप से हो।"

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