Thursday, March 28, 2024
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शिल्पकारों को जमीन न देने पर कोर्ट की आप सरकार को फटकार, पूछा- क्या दशहरे के बाद बनेंगे रावण के पुतले?

दरअसल पुतले बनाने के लिए शिल्पकारों को अभी तक स्थान आवंटित नहीं किए गए हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 22, 2018 16:52 IST
चित्र का इस्तेमाल...- India TV Hindi
चित्र का इस्तेमाल प्रतीक के तौर पर किया गया है।

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार और नगर निगमों के प्रति नाराजगी जताते हुए सवाल किया है कि क्या शिल्पकार दशहरा के बाद रावण के पुतले बनाएंगे। दरअसल पुतले बनाने के लिए शिल्पकारों को अभी तक स्थान आवंटित नहीं किए गए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के उपायुक्त को सोमवार को पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि यह " पूरी तरह से स्तब्धकारी ’’ है कि कथित तौर पर सार्वजनिक भूमि के अतिक्रमण को लेकर एसडीएमसी द्वारा रावण के कई पुतले नष्ट करने और जब्त किए जाने से संबंधित मामले के लंबित रहने के एक वर्ष बाद भी स्थिति जस की तस है। 

पीठ ने कहा कि यह बिल्कुल चौंकाने वाला है कि एक साल बाद भी हम वहीं हैं , जहां पहले थे। यह स्तब्धकारी है कि एक साल से याचिका के लंबित रहने के बाद भी एसडीएमसी कोई नीति नहीं तैयार कर सका। उसने दुर्गा पूजा तथा गणेश चतुर्थी के लिए प्रतिमाएं और पुतले बनाने की खातिर कारीगरों को जमीन आवंटित नहीं किया। उन्होंने मूर्तियों और पुतले बनाने के लिए सामग्री खरीदी है। अधिकारियों ने दलील दी कि अस्थायी स्थानों की पहचान करने और अधिसूचित करने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन यह दलील अदालत को पसंद नहीं आयी और उसने अभी तक यह कार्य नहीं किए जाने को लेकर सवाल किया।

अदालत ने कहा , " वे रावण के पुतले कब बनाएंगे दशहरा के बाद ? कोई रावण बनाता है , कोई दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियां बनाता है। जाइए और उन्हें जमीन आवंटित कीजिए। ’’ इससे पहले , आप सरकार ने अदालत से कहा था कि उन कलाकारों के लिए अस्थायी स्थान आवंटित करने के लिए एक मसौदा नीति तैयार की गयी है और उन्हें मंजूरी दी गई है जो दुर्गा पूजा , दशहरा और अन्य त्योहारों के लिए मूर्तियां या प्रतिमाएं बनाने और बेचने के लिए दिल्ली आते हैं।   

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