नई दिल्ली: देश के रक्षा बेड़े में नए हथियार शामिल करने के मकसद से रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को अमेरिका से 145 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोप खरीदने की मंजूरी दे दी है। अमेरिका से खरीदी जाने वाली इस तोपों की कुल कीमत 750 मिलियन डॉलर (5,000 करोड़ रुपए) बताई जा रही है। इतना ही नहीं रक्षा मंत्रालय ने 18 धनुष आर्टिलरी बंदूक के थोक निर्माण प्रक्रिया को भी हरी झंडी दे दी है। गौरतलब है कि बोफोर्स घोटाले के करीब तीन दशक बाद भारतीय सेना इस तरह की खरीद कर रही है।
रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के नेतृत्व वाली डिफेंस एक्वीजीशन काउंसिल (डीएसी) काउंसिल में बीते शनिवार 28 हजार करोड़ के 18 प्रस्तावों पर चर्चा हुई है। इसके साथ ही उस जरूरी मुद्दे को भी तवज्जो दी गई जिसमें नेवी को अगली पीढ़ी के मिसाइल वेसेल्स बनाने के लिए टेंडर जारी करने की मांग की गई थी। इसमें बाई इंडियन कैटेगरी के अंतर्गत करीब 13,600 करोड़ की लागत से 6 नई पीढ़ी की मिसाइल वेसेल्स का निर्माण किया जाना है।
काउंसिल ने विदेशी सैन्य ब्रिकी के तहत अमेरिका से 145 अल्ट्रा लाइट तोपों की खरीद के लंबे समय से लंबित मामले को मंजूरी दी है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत में होने वाली इन बंदूकों की आपूर्ति से परिवहन लागत में काफी हद तक कमी आएगी। वहीं डीएसी ने 25 किलोमीटर रेंज वाली हॉवित्जर से सप्लाई पीरियड को भी कम कर दिया है। इस प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए अधिकारी ने बताया कि भारत ने अमेरिकी सरकार को हॉवित्जर की खरीद के बारे में एक पत्र लिखा था। उन्होंने बताया कि इन तोपों को चीन की सीमा से सटे अरूणाचल प्रदेश और लद्दाख में तैनात किया जाएगा।