Thursday, March 28, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा CJI ही हैं मास्‍टर ऑफ रोस्‍टर, खारिज की शांति भूषण की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने एक अहम फैसले में कहा कि इस बात पर कोई मतभेद नहीं है चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ही मास्‍टर ऑफ रोस्‍टर हैं...

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 06, 2018 11:37 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Supreme Court

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने एक अहम फैसले में कहा कि इस बात पर कोई मतभेद नहीं है चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ही मास्‍टर ऑफ रोस्‍टर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्‍ठ वकील शांति भूषण की याचिका को खारित करते हुए कहा कि केसों के आवंटन में मुख्‍य न्‍यायाधीश का मतलब भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश है ना कि कॉलेजियम। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामलों को विभिन्न पीठों को आवंटित करने का उनके पास अधिकार होता है।

इस मामले पर टिप्‍पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्‍यायाधीश एके सीकरी और अशोक भूषण की दो सदस्‍यीय खंड पीठ ने कहा कि सीजेआई की भूमिका समकक्षों के बीच प्रमुख की होती है और उनपर मामलों को आवंटित करने का विशिष्ट दायित्व होता है। प्रधान न्यायाधीश, सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश होने की वजह से, अदालत के प्रशासन का नेतृत्व करने का अधिकार रखते हैं जिसमें मामलों का आवंटन करना भी शामिल है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की ये बात स्‍वीकार नहीं की जा सकती है कि केसों के आवंटन में सीजेआई को कॉलेजियम माना जाए।

इससे पहले मास्‍टर ऑफ रोस्‍टर से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपालन ने कोर्ट में कहा था सुप्रीम कोर्ट की बेंच पहले ही कह चुकी है कि चीफ जस्टिस ही मास्टर ऑफ रोस्टर है। वहीं शांति भूषण ने मांग रखी थी कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के 5 वरिष्ठतम जज मिल कर मुकदमों का आवंटन करें। एटॉर्नी जनरल ने मांग को अव्यवहारिक बताया था।

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