Saturday, April 20, 2024
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CBSE ने छात्रों को दी बड़ी राहत, मिली यह छूट

नयी दिल्ली: टाइप-1 मधुमेह से पीडि़त छात्र अब केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड:सीबीएसई: की दसवीं और बाहरवीं की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान स्नैक्स ले सकते हैं। सीबीएसई ने एक सर्कुलर में कहा कि बड़ी संख्या में

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: June 02, 2017 19:13 IST
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CBSE Exam

नयी दिल्ली: टाइप-1 मधुमेह से पीडि़त छात्र अब केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड:सीबीएसई: की दसवीं और बाहरवीं की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान स्नैक्स ले सकते हैं। सीबीएसई ने एक सर्कुलर में कहा कि बड़ी संख्या में बच्चे टाइप-1 मधुमेह के मरीज हैं और रक्त में ग्लूकोज के स्तर को बनाये रखने के लिए उन्हें नियमित अंतराल पर इंसुलिन इंजेक्शन की जररत पड़ती है।

सीबीएसई ने कहा कि इन बच्चों को हाइपोग्लाइसीमिया से बचने के लिए लगातार कुछ खाने पीने की जरुरत होती है, वरना उनके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। ऐसे छात्र शुगर टैबलेट, फल, स्नैक्स और पानी परीक्षा केन्द्र में ला सकते हैं जिसे निरीक्षकों के पास रखा जाएगा। बहरहाल, सीबीएसई ने कहा कि इसके लिए छात्र की मेडिकल स्थिति का प्रमाण पत्र संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य को भेजना होगा।

डायबिटीज टाइप-1 के बच्चों को इंसुलिन का इंजेक्शन लगाकर करीब एक घंटे पहले एग्जामिनेशन सेंटर पहुंचना पड़ता है, जिसके बाद बिना खाए इनका शुगर लेवल गिरने लगता है। इससे पसीना आने, सिर दर्द की दिक्कत होने लगती है, जिससे उनकी परफॉर्मेंस पर नेगेटिव असर पड़ता है। बाकी देशों में टाइप-1 के कैंडिडेट्स को छूट दी जाती है।

सेंटर सीबीएसई और मिनिस्ट्री से पिछले तीन साल से इसे लेकर बात कर रही है। दिल्ली-एनसीआर में करीब 14,000 और पूरे देश 4 लाख स्टूडेंट्स इस बीमारी से पीड़ित हैं।

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