Tuesday, March 19, 2024
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CAB protests in Northeast: नॉर्थ ईस्ट में हालात धीरे-धीरे हो रहे सामान्य, गुवाहाटी-डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में ढील

नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद नॉर्थ ईस्ट में अब हालात धीरे धीरे सामान्य होते जा रहे हैं। आज असम के गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में ढील दी गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 13, 2019 9:22 IST
CAB protests in Northeast- India TV Hindi
Image Source : PTI PHOTO CAB protests in Northeast: नॉर्थ ईस्ट में हालात धीरे-धीरे हो रहे सामान्य, गुवाहाटी-डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में ढील

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद नॉर्थ ईस्ट में अब हालात धीरे धीरे सामान्य होते जा रहे हैं। आज असम के गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में ढील दी गई है। गुवाहाटी में सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक के लिए ढील दी गई है तो डिब्रूगढ़ में सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक की ढील है। वहीं त्रिपुरा में हड़ताल कर रहे संगठन आईपीएफटी और जॉइंट मूवमेंट अगेंस्ट कैब के प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है।

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इससे पहले हजारों की संख्या में लोगों ने बृहस्पतिवार को गुवाहाटी में कर्फ्यू का उल्लंघन किया और सड़कों पर उतरे। राज्य में पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और सेना की टुकड़ियों ने फ्लैग मार्च किया। गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी में घायल हुए दो लोगों की बृहस्पतिवार को मौत हो गई। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति को मृत लाया गया था जबकि एक अन्य की इलाज के दौरान मौत हो गई। 

हालांकि प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि पुलिस गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हुई है। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि गोली लगने से घायल 11 लोगों को वहां लाया गया था। हेतीगांव, लचितनगर, डाउनटाउन, गणेशगुरी और लालुंगांव समेत गुवाहाटी में कई स्थानों पर पुलिस गोलीबारी की घटनाएं होने की खबर है। गुवाहाटी एक छावनी में तब्दील हो गया है क्योंकि यहां प्रत्येक नुक्कड़ और चौराहे पर सेना, अर्द्धसैनिक बल और राज्य पुलिस के जवान तैनात हैं। 

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उनके अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। असमिया और अंग्रेजी भाषा में किये कई ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से और केंद्र सरकार धारा छह की भावना के अनुसार लोगों को राजनीतिक, भाषाई, सांस्‍कृतिक और भूमि अधिकारों की संवैधानिक सुरक्षा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

असम समझौते की धारा छह स्थानीय अधिकारों, भाषा और संस्कृति की सुरक्षा की गारंटी देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ‘‘मैं असम के अपने भाइयों और बहनों को आश्वासन देना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोई उनके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और खूबसूरत संस्कृति को छीन नहीं सकता।’’ 

असम के दस जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर लगाई गई रोक की अवधि को बृहस्पतिवार की दोपहर 12 बजे से 48 घंटे के लिए और बढ़ा दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के वास्ते इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई थी। वाहनों पर तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद बृहस्पतिवार की शाम पांच बजे से 48 घंटे के लिए पड़ोसी राज्य मेघालय में मोबाइल इंटरनेट और संदेश सेवाओं को भी स्थगित कर दिया गया। 

नागरिकता संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। इससे पहले यह विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो चुका है। इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी - हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।

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