Saturday, April 20, 2024
Advertisement

बोफोर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी CBI, सरकार से मांगी इजाजत

2005 के फैसले से पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के एक अन्य तत्कालीन न्यायाधीश जे डी कपूर ने चार फरवरी, 2004 को दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी को आरोपमुक्त कर दिया था और बोफोर्स कंपनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 465 के तहत धोखाधड़ी का आरोप तय करने का निर्देश

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: October 21, 2017 8:19 IST
bofors- India TV Hindi
bofors

नयी दिल्ली: सीबीआई ने बोफोर्स मामले में सरकार से 2005 के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और उसे कथित घोटाले में प्राथमिकी निरस्त करने को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक विशेष अनुमति याचिका एसएलपी दायर करने की मंजूरी देने की मांग की है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को लिखे एक पत्र में सीबीआई ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के 31 मई, 2005 के उस फैसले को चुनौती देने के लिए एसएलपी दायर करना चाहती है जिसमें बोफोर्स मामले में यूरोप स्थित हिंदूजा भाइयों के खिलाफ सभी आरोप निरस्त करने का आदेश दिया गया था।

सरकार के अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई 2005 में ही एसएलपी दायर करना चाहती थी लेकिन तत्कालीन संप्रग सरकार ने उसे इसकी मंजूरी नहीं दी। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि एजेंसी को 12 साल से ज्यादा समय तक इस बात की अनदेखी करने के लिए काफी स्पष्टीकरण देना होगा। दिल्ली उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश आर एस सोढ़ी ने 31 मई, 2005 को हिंदूजा भाइयों - श्रीचंद, गोपीचंद एवं प्रकाशचंद - और बोफोर्स कंपनी के खिलाफ सभी आरोप निरस्त कर दिए थे और सीबीआई को मामले से निपटने के उसके तरीके के लिए यह कहते हुए फटकार लगायी थी कि इससे सरकारी खजाने पर करीब 250 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा।

2005 के फैसले से पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के एक अन्य तत्कालीन न्यायाधीश जे डी कपूर ने चार फरवरी, 2004 को दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी को आरोपमुक्त कर दिया था और बोफोर्स कंपनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 465 के तहत धोखाधड़ी का आरोप तय करने का निर्देश दिया था। गत बुधवार को सीबीआई ने कहा था कि वह निजी जासूस माइकल हर्शमैन के दावों के अनुरूप बोफोर्स घोटाले के तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करेगी। हर्शमैन ने आरोप लगाया है कि दिवंगत कांग्रेस नेता राजीव गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने उसकी जांच में रोड़े अटकाए थे।

अमेरिका स्थित निजी जासूसी एजेंसी फेयरफैक्स के अध्यक्ष हर्शमैन ने हाल में टीवी चैनलों को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि राजीव गांधी को जब स्विस बैंक खाते मोंट ब्लैंक के बारे में पता चला था तो वह काफी गुस्से में थे। निजी जासूसों के एक सम्मेलन को संबोधित करने के लिए पिछले हफ्ते यहां आए हर्शमैन ने यह आरोप भी लगाया था कि बोफोर्स तोप प्रकरण की रिश्वत का पैसा स्विस खाते में रखा गया था।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement