Friday, April 19, 2024
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BLOG: वो घर जहां 8 महीने की बच्ची से हुआ रेप, एक सदस्य के गुनाह की सजा भुगत रहा पूरा परिवार

पीड़िता के परिवार को जहां सबकी सहानुभूति मिली है वहीं अभियुक्त के परिवार को तिरस्कार झेलना पड़ रहा है। ऐसा लगता है मानो उसका पूरा परिवार उसके किए की सज़ा भुगत रहा हो और ये सज़ा जेल की क़ैद भी सख़्त मालूम पड़ती है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 10, 2018 13:17 IST
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Poonam kaushal Blog: दिल्ली में एक आठ महीने की बच्ची से घर में ही बलात्कार की ख़बर ने हर मां का दिल दहला दिया। जब मैंने ये ख़बर पढ़ी तो कुछ दर तक सन्न रही। यहां तक कि अपनी एक साल की बेटी को पार्क ले जाते भी डर लगने लगा, कि कहीं कोई उसे छीन न ले जाए। बीते सप्ताह मैं उस घर में गई जहां उस आठ महीने की बच्ची का कथित बलात्कार हुआ। अभियुक्त उस बच्ची के ताऊ का ही बेटा है जो उसी घर में अपनी पत्नी और नौ महीने के बेटे के साथ रहता था।

यूं तो ये घर किसी आम घर की ही तरह था। लेकिन बलात्कार की इस घटना के बाद यहां रहने वाले 17 लोगों का जीवन मुश्किल हो गया है। यहां के लोग इसे बलात्कार वाले घर के तौर पर जानते हैं। यहां का पता पूछते ही लोग इशारों से बताते हुए कहते हैं, वही घर जहां रेप हुआ है।

अभियुक्त न्यायिक हिरासत में जेल में है। पीड़ित बच्ची अब अस्पताल से घर लौट आई है। लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं है। उसका परिवार इस घटना के बाद ज़िंदगी को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। वहीं अभियुक्त का परिवार भी इस घटना से कम प्रभावित नहीं है। उसका एक नौ महीने का बेटा है, एक पत्नी है जो काम पर जाती है और बूढ़े-मां बाप के अलावा घर पर एक कुंवारी बहन भी है।

पीड़िता के परिवार को जहां सबकी सहानुभूति मिली है वहीं अभियुक्त के परिवार को तिरस्कार झेलना पड़ रहा है। ऐसा लगता है मानो उसका पूरा परिवार उसके किए की सज़ा भुगत रहा हो और ये सज़ा जेल की क़ैद भी सख़्त मालूम पड़ती है।

अभियुक्त के परिवार ने बाहरी दुनिया से संपर्क बेहद कम कर लिया है। बाहर के लोगों के मन में भी उनके प्रति घृणा का भाव नज़र आता है। पड़ोसी अब उनके पड़ोस में रहकर भी शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं। मैं जब अभियुक्त की मां से बात कर रही थी तो उनका बार-बार यही कहना था कि अब हम किसी को मुंह कैसे दिखाएंगे।

मां के लिए ये यक़ीन करना मुश्किल हो रहा था कि जो बेटा उसने जना वो अपनी ही अबोध चचेरी बहन का बलात्कार कर सकता है। वो बार-बार कह रहीं थी कि पूरी जांच हो और फिर उनके बेटे को क़ानून सज़ा दे। वहीं इस पूरी घटना से सबसे ज़्यादा प्रभावित कल्पना (बदला हुआ नाम) हैं जिन्होंने तीन साल पहले अभियुक्त से प्रेम विवाह किया था।

कल्पना के लिए नए हालात से निबटना बेहद मुश्किल है। पहले वो और पति दोनों मिलकर करीब पंद्रह हज़ार रुपए महीना कमा रहे थे जिससे उनका घर किसी तरह चल पा रहा था। उनका नौ महीने का बेटा डिब्बाबंद दूध पीता है जो काफ़ी महंगा आता है। कल्पना के मुताबिक साढ़े पांच सौ रुपए का डिब्बा एक सप्ताह भी नहीं चल पाता। 

home new pic

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कल्पना को डर है कि कहीं पीड़िता के पिता और पड़ोसी उन्हें अब उस घर से न निकाल दें जिसे वो साझा करके उनके साथ रह रहीं हैं। कल्पना को पूरा यक़ीन है कि उसका पति बेक़सूर साबित होगा। वो कहती हैं मेरे और मेरे पति के बीच सबकुछ सही चल रहा था। कल्पना ज़ोर देकर कहती हैं कि मेरे पति एक बहुत अच्छे इंसान हैं।

मैं जब कल्पना से बात कर रही थी तो बार-बार मन में सवाल उठ रहा था कि अभियुक्त ने जो भी किया है उसकी सज़ा उसके अबोध बेटे, पत्नी, बूढ़े मां-बाप और कुंवारी बहन को क्यों मिले? जिसने 8 महीने की बच्ची का रेप किया है उसके प्रति सहानुभूति का भाव रखना भी अपराध हो सकता है।

लेकिन फर्श पर खेल रहा उसका अबोध बच्चा मुझे कहीं से भी अपराधी नहीं दिखा। मेरा मन किया कि उसे गोदी में उठा लूं। वो जब हंसते हुए घुटने पर चलता हुए मेरी ओर आया तो मैंने अपनी उंगली उसकी ओर बढ़ाई जिसे पकड़कर वो खड़ा हो गया। उस समय मेरे मन में उसके प्रति एक मां का भाव था। और अगले ही पल मन में सवाल कौंधा कि जब उसके पिता ने 8 महीने की उस बच्ची को छुआ होगा तो बाप होने का भाव उसके मन में क्यों नहीं आया होगा? बार-बार ये सवाल मुझे परेशान कर रहा था कि हम अपनी इस नई पीढ़ी के लिए कैसी दुनिया बना रहे हैं?

(ब्लॉग लेखिका पूनम कौशल पत्रकार हैं और डिजिटल मीडिया में सक्रिय हैं।)

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