Friday, March 29, 2024
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हमारे शासन में 80,000 बांग्लादेशियों का निर्वासन, मोदी राज में 1,822: कांग्रेस

कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह पर विदेशियों के निर्वासन मामले में झूठ बोलने का आरोप लगाया।

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Published on: August 05, 2018 6:29 IST
मोदी, कांग्रेस, बीजेपी, रणदीप सुरजेवाला- India TV Hindi
Image Source : पीटीआई हमारे शासन में 80,000 बांग्लादेशियों का निर्वासन, मोदी राज में 1,822: कांग्रेस

नई दिल्ली: कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह पर विदेशियों के निर्वासन मामले में झूठ बोलने का आरोप लगाया। कांग्रेस का दावा है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के शासन काल में 2005-2013 के दौरान 82,728 बांग्लादेशियों को निर्वासित किया गया, जबकि मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में महज 1,822 बांग्लादेशियों का निर्वासन हुआ। 

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने विदेशियों के निर्वासन पर गृहमंत्री द्वारा राज्यसभा में दिए गए तीन जवाबों का जिक्र किया, जो 2008, 2016 और 2018 से संबंधित है। उन्होंने कहा कि संसद में जवाब दिया गया कि 2005 से 2013 (यूपीए का शासन काल) के दौरान 88,792 बांग्लादेशियों का निर्वासन हुआ, वहीं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के शासन में 2014 से लेकर 2017 के दौरान 1,822 बांग्लादेशियों को देश से निकाला गया।

सुरजेवाला ने कहा कि पहला जवाब अक्टूबर 2008 में तत्कालीन गृह राज्यमंत्री वी. राधिका सेल्वी (यूपीए के प्रथम कार्यकाल के दौरान द्रमुक नेता) ने दिया। उन्होंने कहा कि 2005 में 14,916 और 2006 में 13,692 के बाद 2007 में 12,135 बांग्लादेशियों का निर्वासन हुआ। दूसरा जवाब नौ मार्च 2016 को गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने राज्यसभा में दिया जिसमें उन्होंने 2008 से लेकर 2014 तक के आंकड़ों का जिक्र किया और तीसरा जवाब भी किरन रिजिजू ने ही मार्च 2018 में दिया जब उन्होंने 2013 से लेकर 2017 के आंकड़ों का जिक्र किया। सुरजेवाला ने अमित शाह और मोदी सरकार पर छल-कपट करने और झूठ बोलने का आरोप लगाया। 

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह को नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती देते हुए कहा, "एक तरफ वे एनआरसी के मसले पर घड़ियाली आंसू बहाते हैं तो दूसरी तरफ एनआरसी के पूरी प्रक्रिया को नष्ट करते हुए विदेशियों को नागरिकता प्रदान करते हैं।"उन्होंने कहा, "जनता को मूर्ख बनाने के बजाय मोदी, शाह और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनावाल को जवाब देना चाहिए कि क्या वे एनआसी की प्रक्रिया का समर्थन करते हैं या वे नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 का समर्थन करते हैं क्योंकि दोनों सीधे तौर पर एक दूसरे का विरोधी है।"सुरजेवाला ने कहा, "नागरिकता संशोधन विधेयक के अनुसार हर किसी को नागरिकता प्रदान किए जाने पर एनआसी की प्रक्रिया विफल हो जाएगी।"

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