Friday, March 29, 2024
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हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के वेतन से संबंधित बिल लोकसभा से पास, जानें कितना मिलेगा वेतन

लोकसभा ने आज ‘हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (वेतन और सेवा शर्तें) संशोधन विधेयक, 2017’ को मंजूरी दे दी जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के वेतन में वृद्धि का प्रावधान किया गया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 04, 2018 19:35 IST
Supreme court- India TV Hindi
Supreme court

नयी दिल्ली: लोकसभा ने आज ‘हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (वेतन और सेवा शर्तें) संशोधन विधेयक, 2017’ को मंजूरी दे दी जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के वेतन में वृद्धि का प्रावधान किया गया है। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि अगर पूरी राजनीतिक व्यवस्था एक स्वर में बात करे तो फिर समाधान निकाला जा सकता है। 

मंत्री ने कहा कि न्यायपालिका की आंतरिक व्यवस्था को मजबूत बनाने की जरूरत है और न्यायपालिका की नैतिकता उसकी सबसे बड़ी ताकत है और इससे किसी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधेयक पर करीब 18 सदस्यों ने अपने विचार रखे हैं और यह मैं कह सकता हूं कि इस बड़े विषय पर पूरे सदन ने एक स्वर में बात की है। आज यहां से एक बड़ा संदेश गया है। 

प्रसाद ने कहा कि कानून मंत्री पदभार संभालने के बाद उन्होंने देश के सभी मुख्य न्यायाधीशों को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि न्यायिक नियुक्ति में पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस देश के सांसद की जवाबदेही होती है। उसे कई स्तरों की जवाबदेही का सामना करना पड़ता है। मंत्री ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने साफ कहा था कि कानून वही बनाए जिसको जनता ने कानून बनाने के लिए चुना है और शासन वही चलाए जिसको जनता ने शासन के लिए चुना है। यह पूरी तरह से स्पष्ट है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी। 

खास बातें

संसद से विधेयक को मंजूरी मिलने और इसके कानून बनने के बाद भारत के प्रधान न्यायाधीश का मासिक वेतन मौजूदा एक लाख रुपये के बजाय 2.80 लाख रुपये हो जाएगा। 
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का मासिक वेतन ढाई लाख रुपये हो जाएगा जो फिलहाल 90 हजार रुपये है। 

विधेयक में उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों का मासिक वेतन 2.25 लाख रुपये करने का प्रावधान है जो इस समय 80 हजार रुपये महीने है। इसमें एचआरए भी एक जुलाई, 2017 के प्रभाव से बदलने का प्रस्ताव है। 

अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की तर्ज पर की जा रही यह वेतनवृद्धि एक जनवरी, 2016 के पूर्व प्रभाव से लागू होगी। 

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