Friday, March 29, 2024
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मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन दी जाए- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने अयोध्या मामले पर अंतिम फैसला पढ़ते हुए कहा कि मुस्लिम पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाए।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 09, 2019 11:29 IST
Ayodhya Verdict- India TV Hindi
Ayodhya Verdict

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्‍यायाधीश रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने अयोध्‍या मामले पर अंतिम फैसला पढ़ते हुए कहा कि मुस्लिम पक्ष सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्‍ध कराई जाए। मुस्लिम पक्ष अपना मालिकाना हक साबित नहीं कर पाया। हिंदुओं का बाहरी चबूतरे पर अधिकार था। हिंदुओं की यह अविवादित मान्यता है कि भगवान राम का जन्म गिराई गयी संरचना में ही हुआ था। अहाते और चबूतरे पर हिंदुओं के अधिकार का सबूत मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम चबूतरे पर 1855 से पहले हिंदुओं का अधिकार था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में शुक्रवार को नमाज पढ़ी जाती थी। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट बनेगा। विवादित 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी। तीन महीनों में ट्रस्ट बनाकर तय किया जाए कि मुस्लिमों की मस्जिद बनाने के लिए कहां और कैसे जमीन दी जाएगी। अब इस संबंध में गेंद केंद्र सरकार के पाले में हैं क्योंकि ये ट्रस्ट केंद्र सरकार को बनाना होगा और जमीन भी सरकार ही देगी।

गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में न्यायालय ने 40 दिन तक दलीलें सुनी थीं। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

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