Friday, March 29, 2024
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राम मंदिर पर मुस्लिम पर्सनल बोर्ड में फूट, मौलाना कल्बे जव्वाद ने जताई चिंता

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटीशन दाखिल करने के फैसले पर मुस्लिम पक्ष बंट गया है। दो दिन पहले बोर्ड के कुछ मेंबर्स ने लखनऊ में एक मीटिंग की और रिव्यू पेटीशन में जाने का फैसला किया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 21, 2019 10:25 IST
राम मंदिर पर मुस्लिम पर्सनल बोर्ड में फूट, मौलाना कल्बे जव्वाद ने जताई चिंता- India TV Hindi
राम मंदिर पर मुस्लिम पर्सनल बोर्ड में फूट, मौलाना कल्बे जव्वाद ने जताई चिंता

नई दिल्ली: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटीशन दाखिल करने के फैसले पर मुस्लिम पक्ष बंट गया है। दो दिन पहले बोर्ड के कुछ मेंबर्स ने लखनऊ में एक मीटिंग की और रिव्यू पेटीशन में जाने का फैसला किया। बोर्ड की तरफ से कहा गया कि ये फैसला करोड़ों मुसलमानों का है लेकिन अब इस फैसले के खिलाफ विरोध के सुर भी उठने लगे हैं। बता दें कि अयोध्या मामले पर संवैधानिक पीठ का फैसला आने के बाद से ऑल इंडिय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पशोपेश में है। बोर्ड ने अबतक कोई ठोस फैसला नहीं किया है।

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वहीं शिया धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर मौलाना कल्बे जव्वाद के मुताबिक अगर इस मामले में पुनर्विचार याचिका डाली जाती है, तो इससे मुसलमानों का भला नहीं बल्कि नुक़सान ही होगा। कल्बे जव्वाद ने कहा, “जब ये वादा हो गया था कि हमारी तरफ से जो भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला होगा हम उसको मानेंगे चाहे हमारे खिलाफ में ही क्यों ना हो तो हमें उस वादे पर अमल करना चाहिए।“

कल्बे जव्वाद का मानना है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसन नदवी को अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटीशन का फैसला वापस लेना चाहिए। मौलाना कल्बे जव्वाद ने ये खुलासा भी किया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका डालने का फ़ैसला बहुमत से नहीं लिया है। कल्बे जव्वाद के मुताबिक बोर्ड के कई मेंबर्स रिव्यू पेटीशन खिलाफ थे।

मौलाना कल्बे जव्वाद की बातों से शिया धर्म गुरू और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष कल्बे सादिक भी इत्तेफाक रखते दिखे। कल्बे सादिक ने कहा कि बोर्ड का फ़ैसला जो भी हो वो उसे ठीक कहने को मजबूर हैं। कल्बे सादिक ने कहा कि अब फैसला चाहे जो हो वहां मस्जिद नहीं बन सकती। कल्बे सादिक ने बताया कि वो इस मामले में इराक़ के बड़े धर्म गुरू आगा सिस्तानी से राय ले रहे हैं कि आगे क्या किया जाए।

हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी जफरयाब जिलानी कल्बे जव्वाद की बातों से सहमत नहीं हैं। जफरयाब जिलानी ने कहा कि इस मामले में कई तरह की राय है पर बोर्ड के ज्यादातर लोग रिव्यू पेटीशन दाखिल करने के पक्ष में हैं। साफ है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले पर एकमत नहीं है।

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