Saturday, April 27, 2024
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निर्मोही अखाड़ा का दावा- मुसलमानों ने 1934 में बंद कर दी थी 5 वक्त की नमाज

अयोध्या में विवादित स्थल पर अपना दावा करते हुए निर्मोही अखाड़ा ने मगंलवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि मुस्लिमों ने बाबरी मस्जिद में प्रतिदिन पांच बार नमाज पढ़ना 1934 में ही बंद कर दिया था और दिसंबर 1949 में जुमे की नमाज भी बंद कर दी थी।

IANS Reported by: IANS
Published on: August 06, 2019 17:34 IST
babri masjid- India TV Hindi
babri masjid

नई दिल्ली: अयोध्या में विवादित स्थल पर अपना दावा करते हुए निर्मोही अखाड़ा ने मगंलवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि मुस्लिमों ने बाबरी मस्जिद में प्रतिदिन पांच बार नमाज पढ़ना 1934 में ही बंद कर दिया था और दिसंबर 1949 में जुमे की नमाज भी बंद कर दी थी। निर्मोही अखाड़ा ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के समक्ष कहा कि विवादित भूमि पर उसका दावा 1934 से है, जब कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने विवादित भूमि पर अपना दावा 1961 में किया था।

अखाड़ा के वकील ने यह भी दावा किया कि भगवान राम की मूर्ति मस्जिद में 1949 में 22-23 दिसंबर की रात में रखी गईं थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदू पक्ष रोज पूजा करते हैं और उन्होंने मुस्लिम पक्षों के दावे को खारिज किया कि विवादित भूमि पर वे रोज नमाज पढ़ते हैं।

निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील जैन ने तर्क दिया कि अगर वहां नमाज नहीं होती है तो उस स्थान को मस्जिद नहीं बोला जा सकता। उन्होंने कहा, "हमारा दावा 1934 से है। यहां कोई नमाज नहीं पढ़ी गई है।"

वकील ने अपने दावे को पुख्ता करने के लिए अदालत के समक्ष एक और सबूत पेश किया। वकील ने कहा कि उस स्थान पर वजू के लिए कोई जगह नहीं है। वजू वह स्थान होता है, जहां मुस्लिम समुदाय नमाज से पहले अपने हाथ धोते हैं।

उन्होंने कहा, "वहां 1985 से कोई नमाज नहीं पढ़ी गई तो हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि एक मस्जिद के तौर पर इसका अस्तित्व कई साल पहले समाप्त हो चुका है।"

 

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