Thursday, March 28, 2024
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अयोध्या रेलवे स्टेशन पर सरकार कर रही है ये खास काम, खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी जानकारी

गोयल ने कहा कि अयोध्या रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने एवं इसकी साजसज्जा के लिए स्वीकृत कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने बताया कि इसके तहत नए स्टेशन के दो मंजिला भवन का विकास तथा मौजूदा परिपथ क्षेत्र का विकास किया जा रहा है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: November 29, 2019 17:59 IST
Ayodhya Train- India TV Hindi
Image Source : TWITTER अयोध्या रेलवे स्टेशन की साजसज्जा प्रगति पर: गोयल

नई दिल्ली। अयोध्या आने वाले तीर्थ यात्रियों की बड़ी संख्या को देखते हुए सरकार अयोध्या जंक्शन रेलवे स्टेशन का विस्तार कर रही है और इसकी साजसज्जा का कार्य प्रगति पर है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि पवित्र स्थल पर पूजा अर्चना के लिए अन्य राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों की बड़ी संख्या को देखते हुए अयोध्या जंक्शन रेलवे स्टेशन का विस्तार किए जाने का प्रस्ताव है। गोयल ने कहा कि अयोध्या रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने एवं इसकी साजसज्जा के लिए स्वीकृत कार्य प्रगति पर हैं।

उन्होंने बताया कि इसके तहत नए स्टेशन के दो मंजिला भवन का विकास तथा मौजूदा परिपथ क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। गोयल के अनुसार, अन्य कार्यों में प्रतीक्षा लाउंज एवं विश्राम कक्ष, यात्रियों के लिए 6.10 मीटर चौड़ा ऊपरी पैदल पुल, शौचालयों, लिफ्टों, रैम्पों और दिव्यागों के लिए सुविधाएं आदि शामिल हैं।

रेल हादसे रोकने में भी मददगार होगी आरटीआरएस तकनीक: सरकार 

रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बताया कि रेल यात्रा को समयबद्ध बनाने के लिये इसरो के उपग्रह द्वारा संचालित रियल टाइम ट्रेन इंफोर्मेशन सिस्टम (आईटीआरएस) को रेल हादसे रोकने में भी मददगार बनाने का ट्रायल चल रहा है। गोयल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि आईटीआरएस प्रणाली से रेलगाड़ियों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने की सुविधा यात्रियों को मुहैया करायी जा रही है।

उन्होंने कहा कि रेलगाड़ियों के समयबद्ध संचालन के लिये 8700 में से 2700 इंजनों को आईटीआरएस से जोड़ने की योजना थी। विभिन्न रेल जोन में 20 नवंबर तक 2649 इंजनों को आईटीआरएस से जोड़ा जा चुका है। रेलमंत्री ने बताया कि हाल ही में 6000 अन्य इंजनों को इससे जोड़ने के लिये अतिरिक्त निधि जारी की गयी है।

एक पूरक प्रश्न के जवाब में गोयल ने कहा कि रेल हादसों से बचने के लिये भी आईटीआरएस का इस्तेमाल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसका प्रयोग अभी चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक की मदद से रेलगाड़ी की रियल टाइम स्थिति के आधार पर पास से गुजर रही अन्य गाड़ियों से सुरक्षित दूरी बनाये रख कर हादसों को नियंत्रण कक्ष द्वारा रोका जायेगा।

गोयल ने कहा कि सरकार द्वारा रेल सुरक्षा के विशेष उपाय सुनिश्चित किये जाने के कारण भारतीय रेल के इतिहास में पिछले ढाई साल के दौरान अब तक सबसे कम रेल हादसे हुये हैं। डीजल इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में तब्दील करने की परियोजना से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में गोयल ने बताया कि पर्यावरण संबंधी कारणों से भारत ने डीजल इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में तब्दील करने का विश्व में पहली बार सफल प्रयोग किया है।

उन्होंने कहा कि भारत में रेलवे को डीजल से पूरी तरह मुक्त कर बिजली आधारित बनाने की परियोजना के तहत वाराणसी स्थित डीजल रेलइंजन कारखाने में अब तक छह पुराने डीजल इंजनों को तीन ट्विन इलेक्ट्रिक इंजन में तब्दील किया गया है। गोयल ने कहा कि अभी यह प्रयोग के दौर में है इसलिये कनवर्जन की अनुमानित लागत फिलहाल नहीं बतायी जा सकती। उन्होंने चेन्नई स्थित रेलवे की इंटीग्रल रेल कोच फैक्ट्री को बंद करने से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में कहा, ‘‘देश की पहली सेमी हाईस्पीड रेलगाड़ी वंदेभारत एक्सप्रेस बनाने वाले इस कारखाने की उपलब्धियों पर हमें नाज है और इसे बंद करने का प्रश्न ही नहीं उठता। ’’

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