नई दिल्ली: कर्ज विवाद में फंसे उद्योगपति विजय माल्या के स्वामित्व वाली बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस को SBI के नेतृत्व में कर्ज देने वाले बैंकों के समूह ने गुरुवार को विमानन कंपनी के मुख्यालय- किंगफिशर हाउस की नीलामी शुरू की थी। विले पार्ले क्षेत्र में 17,000 वर्ग फुट के निर्मित क्षेत्र वाली संपत्ति के लिए कोई भी खरीदार सामने नहीं आया।एसबीआईकैप्स ट्रस्टी ने कहा है कि ई-निलामी की अगली तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंक उनसे ऋण की पाई-पाई वसूलेंगे और माल्या जहां भी कानून का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, जांच एजेंसियां उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगी।
नहीं मिला कोई खरीदार
विले पार्ले क्षेत्र में 17,000 वर्ग फुट के निर्मित क्षेत्र वाली संपत्ति की नीलामी SBI कैप्स की अनुषंगी एसबीआईकैप्स ट्रस्टी ई-नीलामी के जरिये कर रही थी। यह नीलामी ऑक्शनटाइगर ई-नीलामी मंच के जरिये की जा रही है। संपत्ति का न्यूनतम मूल्य 150 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है। यह नीलामी वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतीकरण एवं पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन कानून (सरफेसी), 2002 के तहत आयोजित की गई थी। इस संपत्ति पर फरवरी 2015 में भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 17 बैंकों ने कब्जा किया था ताकि विमानन कंपनी को दिए गए 9,000 करोड़ रुपए के ऋण की वसूली की जा सके। भारी-भरकम नुकसान और देनदारी के बोझ के कारण विमानन कंपनी को 2012 में बंद कर दिय गया था।
पाई-पाई वसूलेंगे बैंक
विजय माल्या ने दो मार्च को देश से बाहर चले गए हैं। अनुमान है कि वह लंदन में हैं। जेटली ने कहा, माल्या से जुड़े तथ्य बेहद साफ हैं। हर सरकारी एजेंसी, चाहे वह कराधान विभाग हो या जांच एजेंसी, जहां भी देखेगी कि उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है, वे उन पर कड़ी कार्रवाई करेंगी। जहां बैंकों का सवाल है तो वे उन्हें दी गई राशि की पाई-पाई वसूलेंगे।