गुवाहाटी: अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा ने यह कहते हुए इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है कि वह चाहते हैं कि राष्ट्रपति उन्हें बर्खास्त करें। उनका दावा है कि केंद्र ने उन्हें स्वास्थ्य का हवाला देकर इस्तीफा देने को कहा है।
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राज्यपाल ने कल कहा, ‘मैं चाहता हूं कि राष्ट्रपति मुझे बर्खास्त करें। मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। राष्ट्रपति को अपनी नाखुशी प्रकट करने दीजिए। सरकार को संविधान के अनुच्छेद 156 के प्रावधानों का इस्तेमाल करने दीजिए।’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को बहाल किये जाने और उनकी निंदा किये जाने के कई हफ्ते बाद उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर इस्तीफा देने को कहा गया था।
उन्होंने कहा, मैं अपनी बीमारी से पूरी तरह ठीक हो गया हूं और पूर्ण रूपेण ठीक होने के बाद अपने दायित्वों को निभा रहा हूं। यदि वे चाहते हैं कि मैं पद छोड़ दूं तो प्रधानमंत्री एवं उनके मंत्रिमंडल को इस बात की सिफारिश राष्ट्रपति को करनी होगी जो संविधान के विशेष प्रावधानों के तहत आदेश जारी करेंगे। राजखोवा ने कहा, यहां तक कि सरकार के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी को भी यह लिखकर दिया जाना होता है, यदि सरकार चाहती है कि वह इस्तीफा दे या अवकाश पर चला जाए। मैं राज्यपाल हूं और यह संवैधानिक पद है।
राजखोवा ने कहा कि 27 अगस्त की रात को गुवाहाटी से एक बिल्कुल जान-पहचाने व्यक्ति ने मुझे टेलीफोन पर कहा कि सरकार चाहती है कि वह स्वास्थ्य के आधार पर इस्तीफा दें, मैं स्तब्ध रह रह गया और अपमानित महसूस किया। उन्होंने कहा, मैंने उस व्यक्ति से कहा कि सरकार में जो भी चाहता है कि मैं इस्तीफा दू, वह सीधा मुझे कॉल करे। जब ऐसा कॉल नहीं आया तब मैंने केंद्रीय गृहमंत्री (राजनाथ सिंह) से बात की और उनसे पूछा कि यह सच है या झूठ। लेकिन गृह मंत्री ने टेलीफोन पर मुझसे स्पष्ट कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं मालूम।
उन्होंने कहा, उलटा, वह मुझसे कहने लगे कि मैं अरूणाचल प्रदेश में अच्छा काम कर रहा हूं। लेकिन जब मैंने एक अन्य केंद्रीय मंत्री को फोन किया तो उन्होंने 30 अगस्त को पलटकर फोन किया और कहा कि उच्च स्तर पर फैसला किया गया है कि मैं स्वास्थ्य के आधार पर इस्तीफा दे दूं और 31 अगस्त तक पद खाली कर दूं। राजखोवा ने कहा कि उन्होंने इन मंत्री को बताया कि वह इलाज के बाद अरूणाचल प्रदेश लौटे हैं और अपना काम संभाल रहे हैं।