Saturday, April 20, 2024
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तकनीक, कलर, डिजाइन के मामले में पहले की मेट्रो से कितनी अलग है यह मजेंटा मेट्रो

मजेंटा लाइन की मेट्रो नई तकनीक से लैस है। इस मेट्रो का सिग्निलिंग सिस्टम बिल्कुल नया है। ये 6 कोच वाली मेट्रो ट्रेन होगी। इसके 4 कोच ड्राइविंग कार वाले होंगे जिनके ऊपर पेंट्रोग्राफ लगा होगा इससे ट्रेनों को ज्यादा पावर मिलेगी और ये मेट्रो हाई स्पीड से

India TV News Desk Written by: India TV News Desk
Published on: December 25, 2017 8:12 IST
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All about the driverless New Delhi Metro Magenta Line

नई दिल्ली: दिल्ली से नोएडा और नोएडा से दिल्ली रोज आने जाने वालों के लिए मजेंटा मेट्रो का ये सफर जितना कम थकाने वाला होगा उतना ही हाईटेक और सुरक्षित भी होगा। यह मेट्रो बोटेनिकल गार्डन से कालकाजी तक बिना ड्राइवर के चलेगी। हालांकि डीएमआरसी ने तय किया है कि इसे अभी ड्राइवर के साथ ही रन किया जाएगा और आगे जनता को भरोसे में लेने के बाद ही इसे ड्राइवरलेस किया जाएगा।

 
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मजेंटा लाइन की मेट्रो नई तकनीक से लैस है। इस मेट्रो का सिग्निलिंग सिस्टम बिल्कुल नया है। ये 6 कोच वाली मेट्रो ट्रेन होगी। इसके 4 कोच ड्राइविंग कार वाले होंगे जिनके ऊपर पेंट्रोग्राफ लगा होगा इससे ट्रेनों को ज्यादा पावर मिलेगी और ये मेट्रो हाई स्पीड से चल सकेगी। ट्रेन जब स्टेशन पर रुकेगी तभी दरवाजों के स्क्रीन डोर खुलेंगे और हर कोच में पुराने कोचों के मुकाबले करीब 40 यात्री ज्यादा सफर कर सकेंगे। इसमें यात्रियों के सहारे के लिए ज्यादा हैंडरेल और स्टील बार्स लगाई गई हैं।

आम तौर पर मेट्रो में लोग खड़े होकर सफर करते हैं और झटका न लगे इसलिए आप पोल पकड़ कर खड़े होते हैं। दूसरी मेट्रो में जहां एक पोल होता लेकिन अब तीन पोल बनाए गए हैं ताकि काफी लोग इस पोल को पकड़ कर खड़े हो सकें। मजेंटा मेट्रो के अंदर कलरफुल सीट लगाई गई हैं और इसे डिजाइन करते वक्त बुजुर्गों और महिलाओं का खास ध्यान रखा गया है।

इनकी सीटों के कलर ऑरेंज है। जनरल सीट है जिसपर कोई भी बैठ सकता है। लाल रंग की सीट सिर्फ महिलाओं के लिए है। इसी तरह से विकलांग और बुजुर्गों के लिए भी लाल रंग की सीट है। बोटेनिकल गार्डन से कालकाजी मेट्रो स्टेशन पर चलने वाली मजेंटा लाइन को डबल प्रोटेक्शन प्लान के तहत बनाया गया है। मेट्रो के दरवाजे तो हाईटेक होंगे ही इसके अलावा सभी स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर 'प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स' भी लगे मिलेंगे।

दरवाजे खास तकनीक से बनाए गए हैं जो ऑटोमेटिक हैं। ये दरवाजे मेट्रो के दरवाजे खुलने के साथ ही खुलेंगे और मेट्रो का दरवाजा बंद होते ही प्लेटफॉर्म के दरवाजे भी बंद हो जाएंगे। ये सुरक्षा को देखते हुए किया गया है। ये भारत की पहली ड्राइवर लेस मेट्रो होगी जो अभी तो नहीं लेकिन भविष्य में बिना ड्राइवर के पटरी पर फुल स्पीड में दौड़ेगी लेकिन फिलहाल इस मेट्रो को ड्राइवर लेस तरीके से नहीं चलाया जाएगा। जब तक लोगों को पूरा भरोसा नहीं होता तब तक इस मेट्रो को ड्राइवरलेस तरीके से नहीं चलाया जाएगा।

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