Saturday, April 20, 2024
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अनंतनाग में आम लोगों से मिलते नजर आए, 3 दिन कश्मीर में रुकेंगे

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल दोबारा अपने काम में जुट गए हैं और शनिवार को वह अनंतनाग में आम लोगों से मिलते नजर आए। इसके साथ ही सरकार सोमवार को आने वाले बकरीद पर मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर ही भरोसा कर रही है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 10, 2019 23:42 IST
Ajit Doval- India TV Hindi
Ajit Doval

नई दिल्ली | राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल दोबारा अपने काम में जुट गए हैं और शनिवार को वह अनंतनाग में आम लोगों से मिलते नजर आए। इसके साथ ही सरकार सोमवार को आने वाले बकरीद पर मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर ही भरोसा कर रही है। डोभाल के लिए व्यक्तिगत रूप से और आधिकारिक रूप से बहुत कुछ दांव पर लगा है। अब तक लॉकडाउन एक बड़ी सफलता रही है और स्थानीय आबादी और पाकिस्तान के बीच संपर्क को तोड़कर भारत ने एक बड़ी राजनीतिक और कूटनीतिक जीत हासिल की है। 

डोभाल खुद जमीन पर उतर कर काम कर रहे हैं, और स्थानीय लोगों से बातचीत कर उन्हें समझा रहे हैं कि उनके पास एकमात्र विकल्प भारत और उसका विकास का मॉडल है। वहाबी सलाफिज्म मत में इस्लामिक कट्टरता है, जो युवाओं को राजनीतिक जिहाद के लिए प्रेरित करती है, जो भारत के लिए सबसे बड़ी चिन्ता की बात है। इंटरनेट पर डार्क बेब का उपयोग कर इसका प्रचार-प्रसार किया जाता है। 

यह देखते हुए कि पुलवामा हमला एक स्थानीय फियादीन द्वारा किया गया था, भारत काफी सर्तकता बरत रहा है। हालांकि सभी प्रमुख देशों ने कहा है कि यह भारत का आंतरिक मसला है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लिए रास्ता आगे कठिन है, क्योंकि कर्फ्यू हटाकार जनजीवन को सामान्य करना सबसे बड़ी चुनौती है। डोभाल वहां धुरी की तरह काम कर रहे हैं। लेकिन केवल सोमवार का ईद त्योहार ही केंद्र सरकार के संकल्प का परीक्षण नहीं है, बल्कि पूरा हफ्ता कठिन रहने वाला है। 14 अगस्त को पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है और 15 अगस्त को भारत स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, जब दक्षिण कश्मीर की पंचायतों में भारतीय तिरंगा लहराया जाएगा, जिसमें तनावग्रस्त सोपियां, कुलगाम, पुलवामा और अनंतनाग जिले भी शामिल हैं। 

भाजपा सरकार संदेश देने के लिए जोर दे रही है कि सभी तीनों क्षेत्रों में तिरंगा लहराया जाए। घाटी में डोभाल अर्धसैनिक बलों, सेना के कमांडरों और अन्य यूनिफाइड कमांड पिरामिड के साथ लगातार संपर्क में हैं, ताकि इस काम में तेजी आ सके। भारत इस तरह के निर्णय लेने के बाद संकल्प के इस प्रदर्शन में किसी भी बिंदु पर कमजोर नहीं दिखना चाहता।

सरकार ने पत्थरबाजी और अलगाववादी आंदोलनों को रोकने के लिए बड़ी सर्तकता के साथ काम किया है। इंतेफादा के संभावित नेताओं को एयरलिफ्ट कर आगरा और बरेली के जेल में भेजने की तैयारी है। अब यह जानकारी सामने आई है कि एनएसए ने इसे लेकर 15 दिन पहले ही अभ्यास किया था। आईबी और जेकेएपी के दल ने उत्तर प्रदेश की कुछ उच्च सुरक्षा वाली जेलों का जायजा लिया था, जिसमें आगरा और बरेली की जेलें शामिल हैं। साथ ही हरियाणा की कुछ जेलों का भी जायजा लिया गया था।

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