Thursday, April 25, 2024
Advertisement

एक्सप्रेस वे पर 20 एयरक्राफ्ट, सड़क पर उतरेगा वायुसेना का 'गजराज' हरक्यूलिस-सी 17

कार्गो विमानों का वजन फाइटर प्लेन से ज्यादा होता है और वायुसेना देखना चाहती है कि क्या आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे को इमरजेंसी हालात में ट्रांसपोर्ट विमानों को उतारने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत है हरक्यूलिस-सी 17। छोटे

India TV News Desk Written by: India TV News Desk
Published on: October 21, 2017 13:51 IST
iaf-agra-lucknow-expressway- India TV Hindi
iaf-agra-lucknow-expressway

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना एक बार फिर नया इतिहास रचने की तैयारी में जुट गया है। वायुसेना का ये मिशन कामयाब होते ही हिंदुस्तान एक नई ताकत से लैस हो जाएगा। वायुसेना ने इस मिशन के लिए ऐसे ही खतरनाक लड़ाकू विमानों को चुना है।  24 अक्टूबर को मिराज और सुखोई के अलावा जगुआर को भी शामिल किया गया है। रक्षा मंत्रालय और वायुसेना का ये मिशन पिछले ड्रिल के मुकाबले काफी बड़ा। इस बार एक्सप्रेस वे की सड़क पर सिर्फ लड़ाकू विमान ही नहीं बल्कि कार्गो विमानों यानी सामान ढोनेवाले विमानों की लैंडिंग का भी टेस्ट होगा।

कार्गो विमानों का वजन फाइटर प्लेन से ज्यादा होता है और वायुसेना देखना चाहती है कि क्या आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे को इमरजेंसी हालात में ट्रांसपोर्ट विमानों को उतारने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत है हरक्यूलिस-सी 17। छोटे रनवे पर उतरने में सक्षम इस विमान को भी इस बार एक्सप्रेस वे की सड़क पर उतारने की तैयारी है। वायुसेना का गजराज इस वक्त सबसे बड़ा कैरियर एयरक्राफ्ट है।

वायसेना के इस भारी भरकम प्लेन को बेहद छोटे मुश्किल से भरे रनवे पर उतारा जा चुका है लेकिन ये पहली बार होगा जब हरक्यूलिस-सी 17 को सड़क पर उतारने का टेस्ट लिया जाएगा। देश में पहली बार किसी एक्सप्रेस-वे पर इतने बड़े स्तर पर फाइटर प्लेन से एक्सरसाइज की जाएगी। इसमें जंग के दौरान फाइटर प्लेन के लिए होने वाली तैयारियों को परखा जाएगा।

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के कुछ हिस्सों को 24 अक्टूबर के लिए बंद कर दिया गया है। इस एक्सरसाइज में जगुआर, सुखोई, मिराज और मिग कैटेगरी के फाइटर प्लेन शामिल हैं। 24 अक्टूबर को सीएम योगी आदित्यनाथ और उनकी पूरी कैबिनेट की मौजूदगी में एअरफोर्स के फाइटर प्लेन अपने करतब दिखाएंगे। सिर्फ लड़ाकू विमान ही नहीं इस बार एमआई 17 हेलिकॉप्टर भी इस ड्रिल का हिस्सा बनेंगे। हेलिकॉप्टर की लैंडिंग बड़ी चुनौती नहीं है लेकिन इस दौरान एयरफोर्स अपनी ताकत के साथ अपने कॉर्डिनेशन को भी परखना चाहती है।

युद्ध के हालात में कैसे जरूरी चीजों की सप्लाई होगी और कैसे एक टेंपररी एयरबेस का इस्तेमाल किया जा सकता है, वायुसेना ने इसके लिए अपने जंगी बेड़े के सभी हेलिकॉप्टर और फाइटर प्लेन को इस प्रैक्टिस में शामिल कर लिया है। उन्नाव प्रशासन ने भी इस एक्सरसाइज की तैयारी शुरू कर दी है। बड़े पैमाने पर पुलिस और अधिकारियों की तैनाती होगी।

24 अक्टूबर को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर उन्नाव के पास इंडियन एअरफोर्स के फाइटर प्लेन्स को उतारेगा।  आगरा से लखनऊ की ओर आने वाली गाड़ियां कानपुर के अरौल में एक्सप्रेस-वे से उतरने के बाद 6 किलोमीटर कानपुर की ओर चलकर बिल्लौर-बांगरमऊ रोड की तरफ मुड़ेंगे। बांगरमऊ से मियागंज, हसनगंज और मोहान होते हुए लखनऊ पहुंचा जा सकेगा। लखनऊ से आगरा जाने वाली गाड़ियां भी इसी रास्ते से जाएंगी।

जंग के दौरान सबसे पहले हवाई हमले एयरबेस और एयरपोर्ट पर ही किए जाते हैं, ताकि फाइटर प्लेन उड़ान न भर सकें। ऐसे में एक्सप्रेस-वे पर बनी एयर स्ट्रिप ही फाइटर प्लेन के लैंड करने और टेक ऑफ करने के काम आती है। इसी बात का ध्यान रखते हुए एयरफोर्स चाहती थी कि देश में स्ट्रैटजिकल इम्पॉर्टेंस वाले हाईवे पर एयर स्ट्रिप बनाई जाएं।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement