Friday, April 26, 2024
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अब हर इमर्जेंसी में काम आएगा हेल्पलाइन नंबर ‘112’, खास सेवा से जुड़े 20 राज्य

अब भारत में सभी आपातकालीन जरूरतों के लिए एकीकृत नंबर की व्यवस्था शुरू हो गई है। अब आप पुलिस, फायर ब्रिगेड जैसी किसी भी आपातकालीन जरूरत के लिए 112 नंबर से मदद मांग सकते हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 19, 2019 13:43 IST
Emergency Number 112- India TV Hindi
Emergency Number 112
अब भारत में सभी आपातकालीन जरूरतों के लिए एकीकृत नंबर की व्‍यवस्‍था शुरू हो गई है। अब आप पुलिस, फायर ब्रिगेड जैसी किसी भी आपातकालीन जरूरत के लिए 112 नंबर से मदद मांग सकते हैं। अमेरिका में आपात सेवा का इसी तरह का एक नंबर ‘911’ है। गृह मंत्रालय के मुताबिक देश भर के 20 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश अब तक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर ‘112’ से जुड़ चुके हैं। इस नंबर पर संकट की घड़ी में कोई भी तत्काल सहायता मांग सकता है। 
 
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ‘112’ हेल्पलाइन पुलिस (100), दमकल (101) और महिला हेल्पलाइन(1090) नंबरों का समांतर नंबर है और यह योजना केन्द्र सरकार के ‘निर्भया फंड’ के तहत लागू की जा रही है। 
 
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जो 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इससे जुड़े हैं उनमें हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, जम्मू और कश्मीर और नागालैंड शामिल हैं। 
 
इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) ने पूरे भारत में एकल आपात नंबर ‘112’ की परिकल्पना की है जो एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नंबर है जिसका लक्ष्य सभी तरह की आपात सेवा मुहैया कराना है। अधिकारी ने बताया कि सभी मोबाइल फोनों में एक पैनिक बटन पहले से ही बनाया गया है जिसे किसी आपात स्थिति में ‘112’ पर कॉल करने के लिए क्रियाशील किया जा सकेगा । राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने जो आपात प्रतिक्रिया केन्द्र (ईआरसी) गठित किए हैं वे ‘112’ से वॉयस कॉल के जरिए पैनिक सिग्नल, राज्य के ईआरएसएस वेबेसाइट पर संदेश या ‘112’ मोबाइल ऐप संदेश प्राप्त कर सकते हैं।
 
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के लिए कुल 321.69 करोड़ रूपया निर्धारित किया गया है जिसमें से निर्भया फंड से पहले ही 278.66 करोड़ रूपया राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को जारी कर दिया गया है। 2012 के कुख्यात दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के बाद निर्भया फंड गठित किया गया है। केंद्र सरकार ने विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा और सुरक्षा में सुधार के लिए बनाई गई परियोजनाओं के लिए निर्भया फंड बनाया था।

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