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परीक्षाओं में बच्चे न हों परेशान!

India TV News Desk Written by: India TV News Desk
Updated on: December 26, 2017 18:15 IST
  • टेंशन न लें:
सही तरह से परीक्षा देने के लिए मानसिक रूप से स्थिर होना बहुत जरूरी है। बच्चे जितना टेंशन लेंगे, उतना ही पढ़ाई कर पाने में परेशानी होगी। परीक्षा के परिणाम की चिंता किये बिना ही उन्हें केवल पड़ाई पर ध्यान देना चाहिए।
    टेंशन न लें: सही तरह से परीक्षा देने के लिए मानसिक रूप से स्थिर होना बहुत जरूरी है। बच्चे जितना टेंशन लेंगे, उतना ही पढ़ाई कर पाने में परेशानी होगी। परीक्षा के परिणाम की चिंता किये बिना ही उन्हें केवल पड़ाई पर ध्यान देना चाहिए।
  • नींद का रखें खास ध्यान:
जितना जरूरी परीक्षा से पहले सिलेबस पूरा करना है, उतना ही जरूरी परीक्षा से पहले एक अच्छी नींद लेना भी है। आजकल के बच्चों में देर रात तक जग कर पढ़ने का चलन है। उन्हें दिन के किसी भी वक्त अपनी नींद को पूरा कर लेना चाहिए।
    नींद का रखें खास ध्यान: जितना जरूरी परीक्षा से पहले सिलेबस पूरा करना है, उतना ही जरूरी परीक्षा से पहले एक अच्छी नींद लेना भी है। आजकल के बच्चों में देर रात तक जग कर पढ़ने का चलन है। उन्हें दिन के किसी भी वक्त अपनी नींद को पूरा कर लेना चाहिए।
  • खाने को न करें नज़र अंदाज़:
कई बार एक्जाम के इस प्रेशर में बच्चे अपने स्वास्थ्य को नज़र अंदाज़ कर देते हैं। बच्चे ठीक तरह से खाना नहीं खाते। वो भूल जाते हैं कि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है।
    खाने को न करें नज़र अंदाज़: कई बार एक्जाम के इस प्रेशर में बच्चे अपने स्वास्थ्य को नज़र अंदाज़ कर देते हैं। बच्चे ठीक तरह से खाना नहीं खाते। वो भूल जाते हैं कि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है।
  • कई बार माता-पिता बनते हैं प्रशर का कारण:
अक्सर देखा जाता है कि जाने-अंजाने बच्चों के इस टेंशन का कारण उनके मां-बाप ही बन जाते हैं। माता-पिता अपनी उम्मीदों का इतना ज्यादा बोझ बच्चों पर डाल देते हैं कि वे उसे झेल नहीं पाते और मानसिक रूप से अनस्टेबल हो जाते हैं।
    कई बार माता-पिता बनते हैं प्रशर का कारण: अक्सर देखा जाता है कि जाने-अंजाने बच्चों के इस टेंशन का कारण उनके मां-बाप ही बन जाते हैं। माता-पिता अपनी उम्मीदों का इतना ज्यादा बोझ बच्चों पर डाल देते हैं कि वे उसे झेल नहीं पाते और मानसिक रूप से अनस्टेबल हो जाते हैं।
  • लास्ट मोमेंट का इंतज़ार न करें:
बच्चों को अपना सिलेबस एक्जाम से पहले खत्म कर लेना चाहिए, न कि ऐन वक्त का इंतज़ार करना चाहिए।
    लास्ट मोमेंट का इंतज़ार न करें: बच्चों को अपना सिलेबस एक्जाम से पहले खत्म कर लेना चाहिए, न कि ऐन वक्त का इंतज़ार करना चाहिए।