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क्या है जूनो, जो पहुंच गया बृहस्पति पर

IndiaTV Hindi Desk IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 06, 2016 12:25 IST
  • नासा का सौर-ऊर्जा से संचालित अंतरिक्षयान जूनो पृथ्वी से प्रक्षेपण के पांच साल बाद आज बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश कर गया। इस उपलब्धि को ग्रहों के राजा और हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति की उत्पत्ति और विकास को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
    नासा का सौर-ऊर्जा से संचालित अंतरिक्षयान जूनो पृथ्वी से प्रक्षेपण के पांच साल बाद आज बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश कर गया। इस उपलब्धि को ग्रहों के राजा और हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति की उत्पत्ति और विकास को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
  • 35 मिनट तक ईंजन के प्रज्वलन के बाद यह यान ग्रह के चारों ओर बनी तय कक्षा में प्रवेश कर गया। इस अभियान की लागत 1.1 अरब डॉलर है।  फोटो साभार- नासा
    35 मिनट तक ईंजन के प्रज्वलन के बाद यह यान ग्रह के चारों ओर बनी तय कक्षा में प्रवेश कर गया। इस अभियान की लागत 1.1 अरब डॉलर है। फोटो साभार- नासा
  • जूनो अपने साथ नौ वैज्ञानिक उपकरण लेकर गया है। जूनो बृहस्पति की ठोस सतह के अस्तित्व का अध्ययन करेगा, ग्रह के बेहद शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र को मापेगा, गहरे वातावरण में मौजूद जल और अमोनिया की मात्रा नापेगा और इसकी सुबहों का विश्लेषण करेगा।
    जूनो अपने साथ नौ वैज्ञानिक उपकरण लेकर गया है। जूनो बृहस्पति की ठोस सतह के अस्तित्व का अध्ययन करेगा, ग्रह के बेहद शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र को मापेगा, गहरे वातावरण में मौजूद जल और अमोनिया की मात्रा नापेगा और इसकी सुबहों का विश्लेषण करेगा।
  • जूनो के प्रमुख ईंजन का प्रज्वलन भारतीय समयानुसार सुबह आठ बजकर 48 मिनट पर शुरू हुआ, जिससे अंतरिक्षयान का वेग घटकर 542 मीटर प्रति सेकेंड रह गया और यह यान बृहस्पति की कक्षा में पहुंच गया।
    जूनो के प्रमुख ईंजन का प्रज्वलन भारतीय समयानुसार सुबह आठ बजकर 48 मिनट पर शुरू हुआ, जिससे अंतरिक्षयान का वेग घटकर 542 मीटर प्रति सेकेंड रह गया और यह यान बृहस्पति की कक्षा में पहुंच गया।
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जूनो अंतरिक्षयान को पांच अगस्त 2011 को फ्लोरिडा स्थित केप केनेवरेल एयरफोर्स स्टेशन से प्रक्षेपित किया गया था।
    जूनो अंतरिक्षयान को पांच अगस्त 2011 को फ्लोरिडा स्थित केप केनेवरेल एयरफोर्स स्टेशन से प्रक्षेपित किया गया था।
  • नासा ने कहा कि यह अभियान बड़े ग्रहों के निर्माण और सौरमंडल के बाकी ग्रहों को एक साथ रखने में इनकी भूमिका को समझने में एक बड़ा कदम उठाने में हमारी मदद करेगा।
    नासा ने कहा कि यह अभियान बड़े ग्रहों के निर्माण और सौरमंडल के बाकी ग्रहों को एक साथ रखने में इनकी भूमिका को समझने में एक बड़ा कदम उठाने में हमारी मदद करेगा।