Friday, April 19, 2024
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सालों पुरानी अबूझ पहेली, बरमूडा ट्राएंगल के रहस्य से उठा पर्दा

IndiaTV Hindi Desk IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 22, 2016 13:06 IST
  • बरमूडा ट्रायएंगल आज के युग का सबसे बडा एक अनसुलझा रहस्य है। इसे devil's tringel भी कहा जाता है। यह त्रिकोणीय रहस्यमयी जलक्षेत्र बरमूडा द्वीप से मियामी, संयुक्त राज्य अमेरिका और पर्टो रीको तक उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित है।
    बरमूडा ट्रायएंगल आज के युग का सबसे बडा एक अनसुलझा रहस्य है। इसे devil's tringel भी कहा जाता है। यह त्रिकोणीय रहस्यमयी जलक्षेत्र बरमूडा द्वीप से मियामी, संयुक्त राज्य अमेरिका और पर्टो रीको तक उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित है।
  • इस क्षेत्र में अब तक हज़ारों लोग, कई विमान और जहाज़, संदिग्ध रूप से लापता हुए हैं। सैकड़ों सालों से यह त्रिकोणीय क्षेत्र वैज्ञानिकों, खोजकर्ताओं और इतिहासकारों के लिए भी रहस्य का केंद्र बना हुआ है।
    इस क्षेत्र में अब तक हज़ारों लोग, कई विमान और जहाज़, संदिग्ध रूप से लापता हुए हैं। सैकड़ों सालों से यह त्रिकोणीय क्षेत्र वैज्ञानिकों, खोजकर्ताओं और इतिहासकारों के लिए भी रहस्य का केंद्र बना हुआ है।
  • बीते 100 सालों में यहां हज़ारों लोगों की जान गई है। एक आंकड़े में यह तथ्य सामने आया है कि यहां हर साल औसतन 4 हवाई जहाज़ और 20 समुद्री जहाज़ रहस्यमयी तरीके से गायब होते हैं।
    बीते 100 सालों में यहां हज़ारों लोगों की जान गई है। एक आंकड़े में यह तथ्य सामने आया है कि यहां हर साल औसतन 4 हवाई जहाज़ और 20 समुद्री जहाज़ रहस्यमयी तरीके से गायब होते हैं।
  • इस 'शैतानी त्रिभुज' की पहेली को सुलझा लिया गया है। साइंस चैनल 'What on Earth?' पर प्रसारित की गई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अजीब तरह के बादलों की मौजूदगी के चलते ही हवाई जहाज और पानी के जहाजों के गायब होने की घटनाएं बरमूडा ट्राएंगल के आस पास देखने को मिलती है।
    इस 'शैतानी त्रिभुज' की पहेली को सुलझा लिया गया है। साइंस चैनल 'What on Earth?' पर प्रसारित की गई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अजीब तरह के बादलों की मौजूदगी के चलते ही हवाई जहाज और पानी के जहाजों के गायब होने की घटनाएं बरमूडा ट्राएंगल के आस पास देखने को मिलती है।
  • इन बादलों को Hexagonal clouds नाम दिया गया है जो हवा में एक बम विस्फोट की मौजूदगी के जितनी शक्ति रखते हैं और इनके साथ 170 मील प्रति घंटा की रफ़्तार वाली हवाएं होती हैं। ये बादल और हवाएं ही मिलकर पानी और हवा में मौजूद जहाजों से टकराते हैं और फिर वो कभी नहीं मिलते।
    इन बादलों को Hexagonal clouds नाम दिया गया है जो हवा में एक बम विस्फोट की मौजूदगी के जितनी शक्ति रखते हैं और इनके साथ 170 मील प्रति घंटा की रफ़्तार वाली हवाएं होती हैं। ये बादल और हवाएं ही मिलकर पानी और हवा में मौजूद जहाजों से टकराते हैं और फिर वो कभी नहीं मिलते।
  • 500,000 स्क्वायर किलोमीटर में फैला ये इलाका पिछले कई सौ सालों से बदनाम रहा है।
    500,000 स्क्वायर किलोमीटर में फैला ये इलाका पिछले कई सौ सालों से बदनाम रहा है।
  • वैज्ञानिकों के मुताबिक बेहद तेज रफ़्तार से बहती हवाएं ही ऐसे बादलों को जन्म देती हैं। ये बादल देखने में भी बेहद अजीब रहते हैं और एक बादल का दायरा कम से कम 45 फ़ीट तक होता है।
    वैज्ञानिकों के मुताबिक बेहद तेज रफ़्तार से बहती हवाएं ही ऐसे बादलों को जन्म देती हैं। ये बादल देखने में भी बेहद अजीब रहते हैं और एक बादल का दायरा कम से कम 45 फ़ीट तक होता है।