Friday, April 19, 2024
Advertisement

Romeo Akbar Walter (RAW) Movie Review: सस्पेंस-थ्रिलर में चूकती है फिल्म, जॉन अब्राहम-जैकी श्रॉफ की एक्टिंग ने किया इम्प्रेस

जानिए कैसी बनी है जॉन अब्राहम-जैकी श्रॉफ की Romeo Akbar Walter (RAW)।

Swati Pandey Swati Pandey
Updated on: April 05, 2019 14:21 IST
Romeo Akbar Walter (RAW) Movie Review
Photo: INSTAGRAM

Romeo Akbar Walter (RAW) Movie Review

  • फिल्म रिव्यू: Romeo Akbar Walter
  • स्टार रेटिंग: 2.5 / 5
  • पर्दे पर: 5 अप्रैल, 2019
  • डायरेक्टर: रॉबी ग्रेवाल
  • शैली: स्पाई ड्रामा

'रोमियो अकबर वॉल्टर' (RAW) एक भारतीय जासूस की कहानी है, जो पाकिस्तान में भारत की खुफिया एजेंसी RAW का एजेंट बनकर जाता है और अपने काम को अंजाम देता है। जासूसों पर बनी कहानी का नाम सुनकर दर्शक उत्साहित हो जाते हैं और अपेक्षा करने लगते हैं कि उन्हें फिल्म में सस्पेंस, रोमांच, थ्रिल देखने को मिलेगा। हालांकि अगर आप ये अपेक्षाएं लेकर जॉन अब्राहम की ये फिल्म देखने जाएंगे तो आपको निराशा ही हाथ लगेगी। फिल्म की धीमी रफ्तार आपका मज़ा और किरकिरा कर देगी। फिल्म में न तो आपको जासूसी का कोई अलग अंदाज़ नज़र आएगा और न ही कोई एक्शन सीक्वेंस। जॉन की इसके पहले आई फिल्म 'सत्यमेव जयते' और 'परमाणु' ने अपनी कहानी के दम पर दर्शकों का मनोरंजन किया था, लेकिन 'रोमियो अकबर वॉल्टर' इस मामले में बिल्कुल खरी नहीं उतरती।

कहानी

फिल्म की कहानी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की पृष्ठभूमि पर रची गई है। रोमियो (जॉन अब्राहम) एक बैंक में काम करते हैं और अपनी विधवा मां के साथ रहते हैं। उनके पिता मेजर थे, जो 1964 के युद्ध में शहीद हो गए थे। रोमियो पर RAW चीफ श्रीकांत राय (जैकी श्रॉफ) की नज़र पड़ती है और वह रोमियो को भारतीय जासूस बना कर पाकिस्तान भेज देते हैं। पाकिस्तान में रोमियो, अकबर मलिक के नाम से रहता है। वहां वह हथियारों के डीलर अफरीदी से अपनी नजदीकी बढ़ा लेते हैं। अफरीदी का बेटा नवाब अफरीदी अपने पिता का ही दुश्मन होता है।

पाकिस्तान में कर्नल खुदाबक्श खान (सिकंदर खेर) को अकबर पर शक हो जाता है। वह अकबर को टॉर्चर भी करता है। फिल्म में जॉन एक्शन करते हुए तो नहीं, लेकिन पुलिस से भागते हुए ज़रूर नज़र आते हैं। मौनी रॉय (श्रद्धा शर्मा) का फिल्म में छोटा सा रोल है। रोमियो और श्रद्धा एक-दूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन उनके प्यार को कोई अंजाम नहीं मिल पाता।

फिल्म में कोई खास सस्पेंस भी नहीं है। अंत में एक छोटा सा राज़ खुलता है, लेकिन वह भी कुछ कमाल नहीं कर पाता है।

एक्टिंग

फिल्म की कहानी भले ही कमज़ोर हो, लेकिन जॉन और जैकी की एक्टिंग अच्छी है। एक्टिंग के मामले में जैकी ने जॉन को पीछे छोड़ दिया है। बाकी के कलाकार भी अपने जगह सही हैं।

गाना और बैकग्राउंड स्कोर

फिल्म का गाना 'बुलया', 'अल्लाह हो अल्लाह' अच्छा है। बीच में जॉन और मौनी पर फिल्माया गया छोटा सा गाना 'जी लेन दे' भी आएगा। यह गाना भी निराश नहीं करता। गाने के साथ-साथ फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर भी इम्प्रेस करता है।

फिल्म को इंडिया टीवी 5 में से 2.5 स्टार देता है।

फिल्म का ट्रेलर:

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement