Saturday, April 20, 2024
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Birth Anniversary: रोमांटिक फिल्मों के जादूगर यश चोपड़ा नहीं देख पाए अपनी आखिरी फिल्म, ऐसे हुआ था 'यशराज फिल्मस' का नामकरण

फिल्ममेकर यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर 1932 को हुआ था। उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स...

India TV Entertainment Desk Written by: India TV Entertainment Desk
Updated on: September 27, 2019 10:08 IST
Yash Chopra- India TV Hindi
Yash Chopra

Birth Anniversary Yash Chopra:  बड़े पर्दे में रोमांस की एक अलग ही परिभाषा लिखने वाले निर्माता और निर्देशक यश चोपड़ा का आज जन्मदिन है। वह आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन अपने शानदार फिल्मों के कारण आप भी फैंस के दिलों में राज़ करते हैं। फिल्ममेकर यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर 1932 को हुआ था। उन्होंने 1959 में 'धूल का फूल' से बतौर डायरेक्टर बॉलीवुड में डेब्यू किया था। उन्हें 'किंग ऑफ रोमांस' भी कहा जाता था।

वह कहते थे- 'मैं रोमांटिक फिल्में नहीं बनाता। मैं इंसानी रिश्तों पर फिल्में बनाता हूं।' बतौर डायरेक्टर उनकी अंतिम फिल्म 2012 में आई 'जब तक है जान' थी। यश चोपड़ा अपनी अंतिम फिल्म को रिलीज होता हुआ भी नहीं देख पाए थे। 21 अक्टूबर 2012 को डेंगू से उनका निधन हो गया था।

यश चोपड़ा की हर एक फिल्म में इतना गहरा रोमांस छिपा होता था कि जो सीधे दर्शकों के दिल को छू लेता थी। इसी कारण उनकी फिल्मों को देखने के लिए लोग बार-बार थियेटर जाते थे।

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आज उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स...

 यश चोपड़ा ने 1971 में अपने प्रोडक्शन हाउस 'यशराज फिल्मस' की स्थापना की थी। इस प्रोडक्शन हाउस ने सबसे पहली फिल्म राजेश खन्ना की 'दाग' को प्रोड्यूस किया था। कहा जाता है यशराज का 'राज' राजेश खन्ना के नाम पर है।

यश चोपड़ा पहले इंजीनियर बनना चाहते थे।

Yash Chopra

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यश चोपड़ा ने अपनी अंतिम चार फिल्में शाहरुख खान के साथ बनाई थी। उन्होंने अपनी ज्यादातर फिल्में अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, श्रीदेवी और शशि कपूर के साथ बनाई थी।

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यश चोपड़ा ने अपनी कई फिल्मों की शूटिंग स्विटजरलैंड में की थी। इस कारण वहां की झील Alpenrausch को 'चोपड़ा लेक' नाम दे दिया गया। स्विटजरलैंड की Jungfrau Railways ने यश चोपड़ा के नाम पर एक ट्रेन की शुरुआत भी की थी। इस ट्रेन को यश चोपड़ा ने ही लॉन्च किया था।

यश चोपड़ा को 'धर्मपुत्र', 'चांदनी', 'डर', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'दिल तो पागल है' और 'वीर-ज़ारा' के लिए 6 बार नेशनल अवॉर्ड मिला था।  2013 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया था।  2005 में उन्हें पद्म भूषण अवॉर्ड दिया गया था।

गीतकार के तौर पर जावेद अख्तर का करियर यश चोपड़ा की 'सिलसिला' से शुरू हुआ था।

यश चोपड़ा ने 'सिलसिला' में पहले स्मिता पाटिल और परवीन बाबी को लिया था, लेकिन वह जया बच्चन और रेखा को लेना चाहते थे। जब उन्होंने अमिताभ बच्चन से यह बात कही तो अमिताभ बच्चन ने उन्हें कहा कि उन्हें दोनों एक्ट्रेस से बात करनी चाहिए। जब यश चोपड़ा ने रेखा और जया बच्चन से इस बारे में बात की तो वह मान गईं।

 'वीर-ज़ारा' का नाम पहले 'ये कहां आ गए हम' था। यह 'सिलसिला' का फेमस गाना है, लेकिन बाद फिल्म का नाम 'वीर-ज़ारा' ही रखा गया।

 

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