Thursday, March 28, 2024
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अगर भारत-पाक के संबंध और बिगड़े तो डूब जाएगी पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री!

हाल ही में हुए उड़ी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते और ज्यादा बिगड़ते जा रहे हैं। अब पाकिस्तान के फिल्म उद्योग को यह चिंता है कि अगर भारत-पाकिस्तान संबंध और खराब होते हैं और देश में हिन्दी फिल्मों पर प्रतिबंध लगता है तो...

India TV Entertainment Desk India TV Entertainment Desk
Updated on: September 29, 2016 13:55 IST
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लाहौर: हाल ही में हुए उड़ी हमले के बाद से  भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते और ज्यादा बिगड़ते जा रहे हैं। इस हमले के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) द्वारा भारत में काम कर रहे पाकिस्तानी फवाद खान, माहिरा खान और अली ज़फर जैसे सितारों को वापस अपने देश लौटने का अल्टीमेटम दिया गया था। अब पाकिस्तान के फिल्म उद्योग को यह चिंता है कि अगर भारत-पाकिस्तान संबंध और खराब होते हैं और देश में हिन्दी फिल्मों पर प्रतिबंध लगता है तो उसे 70 प्रतिशत तक नुकसान उठाना पड़ सकता है। फिल्म जगत के लोगों को डर है कि अगर स्थिति बेहतर नहीं होती है तो आखिरकार भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की आवाज उठेगी।

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एक जाने माने प्रदर्शक, वितरक और एट्रियम सिनेप्लेक्स श्रृंखला के मालिक नदीम मंडविवल्ला ने बताया, “मैं निराशावादी बातें नहीं करना चाहता हूं लेकिन सच्चाई यह है कि नई हिन्दी और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के प्रदर्शित होने के कारण पिछले कुछ साल में पाकिस्तान के फिल्म उद्योग को एक ऊंचाई मिली है।“

उन्होंने बताया, “मैं केवल यह उम्मीद करता हूं कि लंबी समयावधि तक संबंधों में तनाव नहीं रहना चाहिए। यहां तक कि अगर एक अस्थायी प्रतिबंध लगाया जाता है तो हम पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन अगर कोई स्थायी प्रतिबंध लगता है तो ऐसी संभावना है कि ढेर सारे सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स बंद हो जाएंगे।“

एक लोकप्रिय फिल्म समीक्षक उमर अलवी ने बताया कि सिनेमा के पर्दों और राजस्व में बढोत्तरी के कारण भी पाकिस्तानी फिल्म उद्योग का पुनरूत्थान हुआ है। अलवी ने बताया, “कई पाकिस्तानी फिल्में प्रदर्शित हुई हैं और अच्छा कर रही है और कई अन्य प्रदर्शित होने के लिए कतार में है। लेकिन किसी सिनेमा जगत को बने रहने के लिए एक साल में कम से कम 50 से 60 फिल्मों का निर्माण करना चाहिए जो हम इस समय नहीं कर रहे हैं।“

मंडविवल्ला ने बताया कि हिन्दी और हॉलीवुड फिल्मों से 70 प्रतिशत व्यापार होता है। उन्होंने कहा, इसका कोई विकल्प नहीं है। अगर रिश्ते खराब होते हैं तो इसका प्रभाव हर किसी पर पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि पूर्व में जब पाकिस्तान में फिल्मों पर प्रतिबंध लगा था जब पाइरेटेड डीवीडी और इस तरह की अन्य सामग्रियों की बिक्री से चोरी-छिपे व्यापार में इजाफा हुआ था। उन्होंने कहा, “अब केबल ऑपरेटर हैं लेकिन मुझे लगता है कि अगर किसी तरह का प्रतिबंध लगता है तो इससे उनके कार्यक्रम भी प्रभावित होंगे।“

कई वर्षों से इस व्यापार से जुड़े सलीम खान का मानना है कि वहां पर प्रतिबंध नहीं लगेगा लेकिन अगर ऐसा होता है तो सिनेमाघरों के मालिकों को पूरी तरह से अपना कारोबार समेटना पड़ेगा या व्यय कम करने के लिए कुछ पर्दों को बंद करना पड़ेगा।

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