Tuesday, March 19, 2024
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मध्यप्रदेश में ‘पद्मावत’ की रिलीज से पहले ही मांगी सुरक्षा की गारंटी

संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ काफी हंगामे से गुजर कर आखिरकार अब सिनेमाघरों में काफी धमाल मचा रही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बावजूद फिल्म को कई राज्यों में रिलीज नहीं होने दिया गया है।

India TV Entertainment Desk Edited by: India TV Entertainment Desk
Updated on: February 07, 2018 15:20 IST
Padmaavat- India TV Hindi
Padmaavat

इंदौर: बॉलीवुड फिल्मकार संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी विवादित फिल्म पद्मावत काफी हंगामे से गुजर कर आखिरकार अब सिनेमाघरों में काफी धमाल मचा रही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बावजूद फिल्म को कई राज्यों में रिलीज नहीं होने दिया गया है। लेकिन अब मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के हालिया आदेश के मद्देनजर राज्य सरकार के गृह विभाग ने इस फिल्म की रिलीज के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने के ​निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद प्रमुख केंद्रों में भंसाली की यह फिल्म अब तक पर्दे पर नहीं उतर सकी है, क्योंकि सिनेमा उद्योग के नुमाइंदे इस मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार के रुख को लेकर आश्वस्त नहीं हैं।

फिल्म वितरकों के संगठन सेंट्रल स​र्किट सिने एसोसिएशन के अध्यक्ष जयप्रकाश चौकसे ने सोमवार को कहा, "हम प्रदेश में पद्मावत प्रदर्शित करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। लेकिन जब तक हमें प्रदेश सरकार से पुलिस सुरक्षा की पुख्ता गारंटी नहीं मिलेगी, तब तक हम सिनेमाघरों में यह फिल्म नहीं लगायेंगे।"  उन्होंने सवाल किया, "अगर पद्मावत विरोधी संगठनों के लोग इस फिल्म के प्रदर्शन के दौरान सिनेमाघरों में तोड़-फोड़ करते हैं या दर्शकों के साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसका मुआवजा कौन भरेगा।"  चौकसे ने कहा, "अगर हमें प्रदेश सरकार से इस बात के सकारात्मक संकेत मिलते हैं कि पद्मावत के प्रदर्शन के दौरान सिनेमाघरों और दर्शकों को पुख्ता सुरक्षा दी जायेगी, तो हम जल्द ही फिल्म रिलीज करा देंगे।"

इस बीच, चौकसे की अगुवाई में वितरकों और सिनेमाघर मालिकों ने आज इंदौर के जिलाधिकारी निशांत वरवड़े से मुलाकात की और मांग की कि "पद्मावत" के आगामी प्रदर्शन के दौरान शहर के हर सिनेमाघर के आस-पास पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए जायें।  उधर, "पद्मावत" की मुखालफत करने वाली करणी सेना के प्रदेश प्रभारी रघु परमार ने कहा, "इस फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। लिहाजा फिल्म को लेकर हमारा विरोध जारी रहेगा।"  उन्होंने कहा कि अगर सूबे में इस फिल्म का प्रदर्शन किया जाता है, तो करणी सेना की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति तय की जायेगी।  "पद्मावत" देश के अन्य राज्यों में 25 जनवरी को ही परदे पर उतर चुकी है।  फिल्म उद्योग के जानकारों के मुताबिक अगर पर्याप्त पुलिस सुरक्षा मिलती है, तो सूबे के 50 से 60 एकल परदा सिनेमाघरों और करीब 20 मल्टीप्लेक्स में इस फिल्म का प्रदर्शन किया जा सकता है।

हालांकि, जानकारों का दावा है कि रिलीज होने में देरी के कारण "पद्मावत" सूबे में बहुत बड़े कारोबार का मौका गंवा चुकी है। अक्षय कुमार की प्रमुख भूमिका वाली "पैडमैन" के 9 फरवरी को पर्दे पर उतरने के बाद इस विवादास्पद शाहकार की कारोबारी मुश्किलें और बढ़ जायेंगी। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने "पद्मावत" के निर्माण से जुड़ी कंपनी वायकॉम18 मीडिया प्रायवेट लिमिटेड की याचिका पर हाल ही में अंतरिम आदेश दिया है कि इस फिल्म के वितरण और प्रदर्शन से जुड़े लोगों के साथ इसके दर्शकों को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाये। इसके साथ ही, सुनिश्चित किया जाये कि फिल्म दिखाने वाले सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्सों के 200 मीटर के दायरे में कोई भी व्यक्ति या प्रदर्शनकारी आग्नेय हथियार और ऐसी अन्य घातक वस्तुएं लेकर न आने पाये जिनसे जान-माल को नुकसान पहुंचाया जा सकता हो।

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