Friday, April 19, 2024
Advertisement

सुरों के सरताज मोहम्मद रफी इस गाने को गाते समय रो पड़े थे, जानें उनसे जुड़ी ऐसी ही कुछ दिलचस्प बातें

मोहम्मद रफी को सुरों का सरताज माना जाता है। वह हर गाने से दूसरे को रुला देते हैं। लेकिन उन्होंने भी एक ऐसा गाना गाया था जिसे गाते हुए वह खुद रो पड़े थें।

Shivani Singh Written by: Shivani Singh @lastshivani
Updated on: July 31, 2019 8:22 IST
Mohammed Rafi- India TV Hindi
Mohammed Rafi

नई दिल्ली: बॉलीवुड की सबसे जानी-मानी आवाज के मालिक मोहमम्द रफी 39वीं पुण्यतिथि है। उनका निधन हार्ट अटैक आने से हो गया था। मोहमम्द की ने अपनी आवाज के जादू ने न जाने कितने अभिनेताओं की जिंदगी संवार दी। इतना हीं नहीं आज भी मोहम्मद रफी के गानों के लाखों दीवाने है। जो उनकी आवाज सुनते ही मग्न हो जाते है। मोहम्मद रफी का गायकी का शौक पेरेट्स के कहने पर नहीं हुआ बल्कि ऐसे हुई कि आप विश्वास नहीं करेंगे। इसके बारें में उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बताई थी। जानें उनसे जूड़ी और बातें।

मोहमम्द रफी का गायकी का शौक बचपन से ही हो गया था। एक फकीर की आवाज ने मोहम्मद रफी को काफी प्रभावित किया था। उस फकीर का इस फनकार पर ऐसा असर पड़ा कि उन्होंने मन ही मन यह तय कर लिया कि अब उन्हें गायकी के मंच पर सुर बिखेरने से कोई नहीं रोक सकता।

Death anniversary: मृत्यु से कुछ घंटे पहले रफी साहब ने गाया था ये फेमस गाना, सुनें और भी बेहतरीन नगमें

  • मोहम्मद रफी ने 2 शादियां की थी। जिससे पहली शादी छिपा कर रखी थी। जिसके बारें में सिर्फ घरवाले ही जानते थे। यह बात कबी सामने नहीं आती अगर मोहम्मद रफी की बहू यास्मीन खालिद की एक किताब मार्केट में न आती। यास्मीन की प्रकाशित किताब 'मोहम्मद रफी मेरे अब्बा..एक संस्मरण' में रफी की पहली शादी की बात का जिक्र किया गया है। किताब में लिखा है कि 13 साल की उम्र में रफी की पहली शादी उनके चाचा की बेटी बशीरन बेगम से हुई थी, लेकिन कुछ साल बाद ही दोनों अलग हो गये। उनकी इस शादी से बेटा सईद हुआ था। बाद में उन्होंन 20 साल की उ्रम में दूसरी शादी की थी।
  • मोहमम्द रफी ने फिल्म नीलकमल का सुपरहिट गाना ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ गाते समय रो दिए थे। इसके पीछे की वजह ये थी कि गाने की रिकॉर्डिंग के ठीक एक दिन पहले उन्होंने अपनी बेटी की सगाई की थी। बाद में इस गीत को नेशनल अवॉर्ड मिला था।
  • रफी साहब के लिए कोकिला लता मंगेशकर कहती हैं, सरल मन के इंसान रफी साहब बहुत सुरीले थे। ये मेरी खुशकिस्मती है कि मैं उनके साथ कई गाने गाए। गाना कैसा भी हो वो गाते थे ऐसा गायक बार-बार जन्म नहीं लेता।”
  •  रफी का आखिरी गाना फिल्म आस-पास के लिए ‘शाम फिर क्यों उदास है दोस्त’, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के लिए रिकॉर्ड किया था। जो कि उनके निधन के दो दिन पहले रिकॉर्ड किया गया था।

Birthday Special : अपनी खूबसूरती से सभी का दिल जीतने वाली मुमताज अब लगती हैं ऐसी

Mohammed Rafi

Mohammed Rafi

  • रफी साहब ने किशोर कुमार की 11 फिल्मों में गाना गाया था। जिसमें रागिनी, बड़े सरकार जैसी फिल्में शामिल थी।
  • रफी साहब को पहला मौका म्यूजिशियन नौसाद ने फिल्म बैजू बावरा से दिया था। इसके साथ उन्होंने मोहम्मद रफी से कहा था कि इस फिल्म के गानों के बाद तुम सबकी जुबां पर चढ़ोगे।
  • 1 नेशनल अवॉर्ड और 6 फिल्मफेयर अवॉर्ड पाने वाले रफी साहब को पद्म श्री सम्मान भी प्राप्त हुआ। इन्होने हिंदी भाषा के अलावा असामी, कोंकणी, पंजाबी, उड़िया, मराठी, बंगाली, भोजपुरी भाषाओं में गाने गाए और पारसी, डच, स्पेनिश और इंग्लिश में भी गाए।

Happy Birthday Anil Kapoor: राज कपूर के गैरेज में रहता था परिवार, माधुरी-श्रीदेवी के साथ हिट थी जोड़ी

Indian Idol 10 winner: हरियाणा के सलमान अली बनें इंडियन आइडल सीजन 10 के विजेता

'महाभारत' में कृष्ण बनेंगे आमिर खान, शाहरुख खान ने किया कंफर्म

Latest Bollywood News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Bollywood News in Hindi के लिए क्लिक करें मनोरंजन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement