जयपुर: अपनी फ़िल्म मदारी के प्रचार के लिए यहां आए बॉलीवुड एक्टर इऱफ़ान ख़ान ने एक ऐसा बयान दे डाला कि वह मुस्लिम धार्मिक नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। इऱफ़ान ने कहा कि ख़रीदे हुए बकरों की क़र्बानी देने से सवाब (पुण्य) नहीं मिलता और ये कि धर्म का असली मतलब समझना चाहिये।
इस बायान पर भड़के जमायत-ए-उलेमा-ए-हिंद के राज्य सचिव मौलाना अब्दुल वाहिद ने कहा कि इरफ़ान अनाप शनाप बयानबाज़ी बंद करें और अपना ध्यान फिल्मों पर ही लगाएं। वो अपने प्रचार के लिए ऐसी बयानबाज़ी कर रहे हैं।
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उधर जयपुर के प्रमुख मुस्लिम धार्मिक नेता ख़ालिद उस्मानी ने कहा कि इरफ़ान को अपना मुंह बंद रखना चाहिये क्योंकि उन्हें धर्म के बारे में कुछ नही पता।
ग़ौरतलब है कि इऱफ़ान ने बुधवार को फिल्म के प्रचार के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा था कि अपनी प्रिय वस्तु किसी ज़रुरतमंद को देना सही मायने में क़ुर्बानी है और बकरे ख़रीदकर उसका वध करने से पुण्य नहीं मिलता।
उन्होंने आगे कहा कि किसी को मारना अच्छाई का काम कैसे हो सकता है? हमें त्योहार का सही अर्थ समझना चाहिये। हमने मुहर्रम को मज़ाक बनाकर रख दिया। इसमें मातम किया जाता है लेकिन हम निकालते ताज़िओं का जुलूस।
उन्होंने कहा कि इस्लाम की छवि ख़राब करने वालों और आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ फ़तवा जारी होना चाहिये।