Thursday, April 25, 2024
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तेलंगाना: अमित शाह का 'अग्रेसिव अटैक'', बोले- धर्म के आधार पर न तो आरक्षण देंगे और न किसी को देने देंगे

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि भाजपा तेलंगाना सरकार को अल्पसंख्यकों के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने की इजाजत नहीं देगी।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: November 25, 2018 16:52 IST
भारतीय जनता पार्टी के...- India TV Hindi
Image Source : TWITTER/BJP भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि भाजपा तेलंगाना सरकार को अल्पसंख्यकों के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने की इजाजत नहीं देगी।

हैदराबाद: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि भाजपा तेलंगाना सरकार को अल्पसंख्यकों के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने की इजाजत नहीं देगी। वारंगल जिले के पार्कला में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा न तो धर्म के आधार पर कोटा देगी और न ही दूसरों को ऐसा करने देगी। 

अमित शाह तेलंगाना विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव का जिक्र कर रहे थे जिसमें मुस्लिमों के लिए नौकरियों और शिक्षा में मौजूदा चार प्रतिशत आरक्षण को बढ़कर 12 प्रतिशत किए जाने की मांग की गई है। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। इसे केंद्र से मंजूरी नहीं मिलने को लेकर तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव (KCR) अपने चुनावी भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते नजर आते हैं। 

TRC के कदम को 'असंवैधानिक' बताते हुए भाजपा प्रमुख ने कहा कि सर्वोच्च अदालत ने कुल आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा तय कर दी है। उन्होंने TRS से ये स्पष्ट करने के लिए कहा कि उन्होंने किस का आरक्षण कम कर अल्पसंख्यकों को आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव दिया है।

शाह ने कहा कि उनकी पार्टी अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े वर्गों के आरक्षण की रक्षा के लिए एक चट्टान के रूप में खड़ी होगी। चुनाव रैलियों को संबोधित करने के लिए तेलंगाना के एक दिवसीय दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दावा किया कि केवल उनकी पार्टी तेलंगाना में वो सरकार प्रदान कर सकती है जो AIMIM और उसके नेता असदुद्दीन ओवैसी पर निर्भर नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि 7 दिसंबर के चुनाव राज्य का भविष्य तय करेंगे। अमित शाह ने कहा कि TRS प्रमुख KCR ने अपने बेटे और बेटी को आगे बढ़ाने के लिए विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने का निर्णय लेकर अतिरिक्त चुनाव खर्च का बोझ डाल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि KCR मोदी के प्रभाव के कारण विधानसभा चुनाव 2019 में लोकसभा चुनावों के साथ कराने से डरते थे। 

उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने पिछले चार सालों के दौरान तेलंगाना के विकास के लिए 2.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक जारी किए जिसमें से आधी राशि 14वें वित्त आयोग के तहत आवंटित की गई थी। उन्होंने कहा कि तेलंगाना राजस्व सरप्लस राज्य था लेकिन टीआरएस सरकार ने राज्य पर 2 लाख करोड़ रुपये कर्ज का बोझ डाल दिया है। केसीआर पिछले चुनावों में किए गए वादे को लागू करने में भी असफल रहे।

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