Saturday, April 20, 2024
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जानें राजपूताना कहे जाने वाले राजस्थान का गौरवशाली इतिहास

राजस्थान अपनी आन, बान, शान शौर्य, साहस, कुर्बानी, त्याग और बलिदान तथा वीरता के लिए ख्यात है। इंग्लैण्ड के विख्यात कवि किप्लिंग ने लिखा था, दुनिया में अगर कोई ऐसा स्थान है, जहां वीरों की हड्डियां मार्ग की धूल बनी हैं तो वह राजस्थान है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 22, 2018 14:00 IST
जानें राजपूताना कहे जाने वाले राजस्थान का गौरवशाली इतिहास- India TV Hindi
जानें राजपूताना कहे जाने वाले राजस्थान का गौरवशाली इतिहास

विधानसभा रण के लिए राजस्थान एक बार फिर तैयार है। प्रदेश में 7 दिसंबर को मतदान होगा और 11 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में 33 जिले हैं, जिनमें कुल 200 विधानसभा सीटें हैं। मौजूदा वक्त में यहां बीजेपी सत्ता में है और वसुंधरा राजे सिंधिया सूबे की मुख्यमंत्री हैं।

राजस्थान अपनी आन, बान, शान शौर्य, साहस, कुर्बानी, त्याग और बलिदान तथा वीरता के लिए सम्पूर्ण विश्व में ख्यात है। इंग्लैण्ड के विख्यात कवि किप्लिंग ने लिखा था, दुनिया में अगर कोई ऐसा स्थान है, जहां वीरों की हड्डियां मार्ग की धूल बनी हैं तो वह राजस्थान है।

राजस्थान सांस्कृतिक रूप से भी काफी समृद्ध है और इसके प्राचीन इतिहास का प्रभाव इसकी कलात्मक और सांस्कृतिक परंपरा पर दिखाई देता है। यहाँ अलग-अलग प्रकार की समृद्ध लोक संस्कृति है, जिसे अक्सर राज्य का प्रतिक भी माना जाता है।

राज्य की अर्थ व्यवस्था कृषि एवं ग्रामीण आधारित है। कृषि और पशु पालन यहां के निवासियों के मुख्य रोजगार हैं लेकिन यह भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यदि आप भारतीय विरासत और शाही ठाठ के दर्शन पास से करना चाहते है तो राजस्थान आपके लिए सर्वोतम गंतव्य है। यहाँ बहुत से प्राकृतिक और मानव निर्मित पर्यटन स्थल है।

यहां की अर्थव्यवस्था में ज्यादातर भाग सूती वस्त्र उद्योग, कांच उद्योग, ऊन उद्योग, सीमेंट उद्योग, चीनी उद्योग आदि से आता है।

राजस्थान की राजनीति में हमेशा से जाट सियासत का बड़ा महत्व रहा है लेकिन अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के सियासी संघर्ष के चलते सूबे की जाट राजनीति में सियासी शून्य कायम हो गया। ताकतवर कौम होने के चलते भी इस समुदाय को वो महत्व नहीं मिला जिसकी ये उम्मीद लगाए बैठे थे। राजस्थान की राजनीति में नागौर, सीकर, झुंझनू, भरतपुर और जोधपुर को एक तरह से जाट बेल्ट कहा जाता है। जाट समुदाय का लगभग 60 सीटों पर प्रभाव है।

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