Friday, April 19, 2024
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विधानसभा रण के लिए राजस्थान एक बार फिर तैयार, जानें सबकुछ

राजस्थान में अब तक हुए 13 विधानसभा आम चुनावों में अधिकतर कांग्रेस का कब्जा रहा लेकिन पिछले 5 चुनाव में भाजपा उसे कड़ी टक्कर देते हुए 3 चुनावों में कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने में सफल रही।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 16, 2018 14:00 IST
विधानसभा रण के लिए राजस्थान एक बार फिर तैयार, जानें सबकुछ- India TV Hindi
विधानसभा रण के लिए राजस्थान एक बार फिर तैयार, जानें सबकुछ

नई दिल्ली: विधानसभा रण के लिए राजस्थान एक बार फिर तैयार है। प्रदेश में 7 दिसंबर को मतदान होगा और 11 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में 33 जिले हैं, जिनमें कुल 200 विधानसभा सीटें हैं। मौजूदा वक्त में यहां बीजेपी सत्ता में है और वसुंधरा राजे सिंधिया सूबे की मुख्यमंत्री हैं।

 
यहां पिछला चुनाव दिसंबर 2013 में हुआ था और मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 20 जनवरी 2019 को खत्म हो रहा है। सीटों की बात करें, तो चुनाव की तारीखों के ऐलान के समय बीजेपी के खाते में 160 सीटें हैं, कांग्रेस के खाते में 25 और अन्य के खाते में 15 सीटें हैं।
 
सियासी हालात की बात करें, तो 1993 में एक साल के राष्ट्रपति शासन से उबरे राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनी थी। तब से अब तक पांच बार चुनाव हो चुके हैं और हर पांच साल में जनता बीजेपी को कांग्रेस से और कांग्रेस को बीजेपी से बदलती रही है।

अब तक
राजस्थान में अब तक हुए 13 विधानसभा आम चुनावों में अधिकतर कांग्रेस का कब्जा रहा लेकिन पिछले 5 चुनाव में भाजपा उसे कड़ी टक्कर देते हुए 3 चुनावों में कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने में सफल रही और इस बार आगामी चुनाव में फिर वसुंधरा राजे के नेतृत्व में कांग्रेस को मात देने का प्रयास कर रही है, वहीं कांग्रेस अशोक गहलोत द्वारा पिछले 5 साल में किए गए मुफ्त दवा योजना, जयपुर मेट्रो, पेयजल योजना, बाड़मेर में रिफाइनरी की स्थापना आदि जनहित के कामों की बदौलत सत्ता को बरकरार रखने की पूरी कोशिश की जा रही है।

मतदाता
वहीं यदि मतदाताओं की बात करें तो राज्य में कुल 4,74,79,402 मतदाता हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि इनमें 2,47,60,755 पुरुष और 2,27,18,647 महिलाएं हैं। उन्होंने बताया कि 1,13,642 सर्विस मतदाता भी राज्य में हैं। संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान कुल 7,84,061 आवेदन फॉर्म नाम जुड़वाने के लिए प्राप्त हुए जिनमें से 7,60,288 आवेदन स्वीकार किए गए। उन्होंने बताया कि आवेदनों की पड़ताल और भौतिक सत्यापन के बाद कुल 7,91,320 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए।
 
राजस्थान की राजनीति
राजस्थान की राजनीति में हमेशा से जाट सियासत का बड़ा महत्व रहा है लेकिन अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के सियासी संघर्ष के चलते सूबे की जाट राजनीति में सियासी शून्य कायम हो गया। ताकतवर कौम होने के चलते भी इस समुदाय को वो महत्व नहीं मिला जिसकी ये उम्मीद लगाए बैठे थे। राजस्थान की राजनीति में नागौर, सीकर, झुंझनू, भरतपुर और जोधपुर को एक तरह से जाट बेल्ट कहा जाता है। जाट समुदाय का लगभग 60 सीटों पर प्रभाव है।

किसकी कितनी आबादी, कितने विधायक
जाति                       आबादी (लाख में)     विधायक (2013-18)
राजपूत                     73,25223                27
जाट                        98,31531                31
मीणा+भील मीणा        58,05412                  7
गुर्जर                       65,23102                  8
(आंकड़े जातिगत जनगणना से प्राप्त, किंतु अनुमानित हैं)

 

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