Friday, April 26, 2024
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अशोक गहलोत सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के कई फैसले पलटे

राजस्थान मे कांग्रेस सरकार आते ही वसुन्धरा सरकार मे लिए गए फैसलों को बदलने का सिलसला शुरु हो गया है। कैबिनेट बैठक मे नेताओं के लेटर हेड से दीन दयाल उपाध्याय की फोटो हटाने से लेकर तमाम ​फैसले लिए गए।

Manish Bhattacharya Reported by: Manish Bhattacharya @Manish_IndiaTV
Updated on: December 30, 2018 19:15 IST
Ashok Gehlot- India TV Hindi
Ashok Gehlot

राजस्थान मे कांग्रेस सरकार आते ही वसुन्धरा सरकार मे लिए गए फैसलों को बदलने का सिलसला शुरु हो गया है। कैबिनेट बैठक मे नेताओं के लेटर हेड से दीन दयाल उपाध्याय की फोटो हटाने से लेकर तमाम ​फैसले लिये गए, वहीं अशोक गहलोत सरकार के शिक्षा मंत्री ने वसुन्धरा राजे सरकार पर शिक्षा के भगवाकरण करने का आरोप लगाते हुए, सूर्य नमस्कार, साईकिलों से भगवा रंग, पाठ्यक्रम से संघ के लोगों के नाम को हटाने जैसे कई फैसलों को अंजाम देने जा रहे है।

राजस्थान मे सत्ता बदलने के साथ ही योजनाओं को बदलने का काम भी शुरु हो गया है। बदलाव की बयार मे सबसे पहला फैसला शिक्षा मंत्री गोविन्द डोढासरा ने लिया है, शिक्षा मंत्री डोढासरा ने बताया कि वसुन्धरा सरकार मे शिक्षा का भगवाकरण किया गया सारे फैसले भारती भवन से लिए जाते थे, वसुन्धरा सरकार ने स्कूलो मे सूर्य नमस्कार करने का फैसला लिया, भगवा रंग की साईकिलों को बांटा, तमाम विभूतियो का नाम हटाकर संघ के लोगो का नाम जोड़ा, स्कूली ड्रेसो मे भी भगवा रंग डाला लेकिन इस सरकार मे ये सब बदलने की तैयारी शुरु हो गई है।

सिर्फ शिक्षा विभाग ही नहीं बल्कि गहलोत सरकार की पहली कैबिनेट मे भी गहलोत सरकार ने वसुन्धरा सरकार के कई फैसलो को पलटे जिसमे पंचायती राज चुनावों मे शैक्षणिक योग्यता खत्म कर दी गई जबकि पहले आठवी व दसवीं शैक्षणिक योग्यता जरुरी थी। इतना ही नहीं कैबिनेट की बैठक मे ये भी फैसला लिया गया कि अब नेताओं व जनप्रतिनिधियों के लेटर हेड पर दीनदयाल उपाध्याय की फोटो नही लगेगी, पहले जैसे ही अशोक स्तम्भ लगाया जाएगा।

गहलोत की पहली कैबिनेट मेें लिए गए अहम फैसले

  • किसानों के कर्ज माफी के लिए अंतविर्भागीय समित का गठन।
  • वृद्दावस्था पेंशन योजना मे बढोत्तरी--750 और 1000 रुपये प्रतिमाह किया।
  • पंचायती राज एवं स्थानीय निकाय चुनाव में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की शर्त समाप्त की।
  • मंत्रियो को हर रोज करनी होगी जनसुनवाई​।
  • लेटरहेड पर नहीं होगी दीनदयाल उपाध्याय की फोटो।

गहलोत सरकार के इस फैसले का भाजपा ने भी जमकर विरोध किया, भाजपा नेताओ का कहना है कि उनकी सरकार मे राजीव गांधी या इन्दिरा गांधी की फोटो को हमने कहीं से भी नहीं हटाया, न ही कोई इस तरह के फैसले लिये,गहलोत सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। गहलोत सरकार के फैसलो के बाद भले ही राजनीतिक बयानबाजी शुरु हो गयी हो लेकिन ये साफ है कि पार्टी लोकसभा चुनावों को देखते हुए एक्शन मोड मे दिखाई दे रही है।

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