Thursday, March 28, 2024
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BJP कभी व्यक्ति केंद्रित पार्टी नहीं हो सकती, अबकी पिछली बार से भी ज्यादा सीटें जीतेंगे: गडकरी

BJP के व्यक्ति केंद्रित पार्टी बन जाने की धारणा को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि यह विचारधारा पर आधारित पार्टी है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: May 10, 2019 10:46 IST
Union Minister Nitin Gadkari | Facebook- India TV Hindi
Union Minister Nitin Gadkari | Facebook

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के व्यक्ति केंद्रित पार्टी बन जाने की धारणा को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि बीजेपी विचारधारा पर आधारित पार्टी है। उन्होंने कहा, ‘यह पार्टी न कभी केवल अटल जी की बनी, न कभी अडवाणी जी की और न ही यह कभी केवल अमित शाह या नरेंद्र मोदी की पार्टी बन सकती है। बीजेपी विचारधारा पर आधारित पार्टी है और यह कहना गलत है कि पार्टी मोदी-केंद्रित हो गई है।’ बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व अध्यक्ष ने लोकसभा चुनावों में खंडित जनादेश की आशंकाओं को भी खारिज किया और दावा किया कि भगवा दल को पिछली बार से भी अधिक सीटें मिलेंगी।

‘बीजेपी विचारधारा पर आधारित पार्टी है’

गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं बीजेपी दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। इस सवाल के जवाब में कि क्या बीजेपी में 'इंदिरा इज इंडिया ऐंड इंडिया इज इंदिरा' की तर्ज पर 'मोदी ही बीजेपी और बीजेपी ही मोदी' वाली स्थिति हो गयी है, गडकरी ने कहा, ‘बीजेपी जैसी पार्टी व्यक्ति-केंद्रित कभी नहीं हो सकती है। यह विचारधारा पर आधारित पार्टी है। हमारी पार्टी में परिवार राज नहीं हो सकता। यह धारणा गलत है कि बीजेपी मोदी केंद्रित हो गयी है। पार्टी का संसदीय दल है जो सभी अहम फैसले करता है।’ उन्होंने तर्क दिया कि पार्टी और उसका नेता एक दूसरे के पूरक हैं।

‘मुझे यकीन है कि जनता विकास के साथ रहेगी’
उन्होंने कहा, ‘पार्टी बहुत मजबूत हो, लेकिन नेता मजबूत नहीं है तो चुनाव नहीं जीता जा सकता है। इसी तरह नेता कितना भी मजबूत हो लेकिन पार्टी मजबूत नहीं होने पर भी काम नहीं चलेगा। हां, यह सही है जो सबसे लोकप्रिय जननेता होता है वह स्वाभाविक रूप से सामने आता ही है।’ चुनावों में अपनी सरकार के कामकाज एवं उपलब्धियों के बजाय राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनावी मुद्दा बनाए जाने के आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘चुनाव में जातिवाद और सांप्रदायिकता का जहर घोल कर हमारे विकास के एजेंडे को बदलने की कोशिश विरोधियों ने की है। मुझे यकीन है कि जनता विकास के साथ रहेगी और हम पूर्ण बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाएंगे।’

‘राष्ट्रवाद हमारे लिए मुद्दा नहीं, बल्कि हमारी आत्मा है’
गडकरी ने कहा, ‘जहां तक राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाने की बात है तो यह हमारे लिए मुद्दा नहीं है, यह हमारी आत्मा है। बेहतर शासन-प्रशासन और विकास हमारा मिशन है और समाज में शोषित, पीड़ित और पिछड़ों को केंद्रबिंदु मानकर उन्हें रोटी-कपड़ा-मकान देना हमारा उद्देश्य है।’ विपक्ष के इस आरोप पर कि बीजेपी 5 वर्ष की नाकामियां छिपाने के लिए इस तरह के भावनात्मक मुद्दे उठा रही है, उन्होंने कहा, ‘हमने इसे मुद्दा कतई नहीं बनाया। हर चुनाव में देश की सुरक्षा पर हमेशा चर्चा हुई है।’ मोदी के भाषणों में पाकिस्तान और सेना का बार-बार जिक्र करने का बचाव करते हुए गडकरी ने कहा, ‘दरअसल हाल ही में पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों का जवाब भारत को देना पड़ा। ये विषय जब सामने आए तो आंतरिक और बाह्य सुरक्षा से जुड़े इस विषय पर चर्चा होना स्वाभाविक है। इसलिए राष्ट्रवाद को हमने मुद्दा नहीं बनाया है, बल्कि मीडिया ने बालाकोट सैन्य कार्रवाई पर उठे सवालों को चर्चा में लाकर इसे मुद्दा बना दिया।’

‘जितना काम 50 साल में नहीं हुआ, उतना 5 साल में किया’
5 साल में सरकार की उपलब्धियों के सवाल पर गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार ने देशहित में राष्ट्रीय राजमार्ग, हवाईअड्डे, अंतरदेशीय जलमार्ग जैसी बड़ी-बड़ी योजनाएं शुरू कीं। इससे बहुत बड़ा बदलाव दिखा। साथ ही उज्ज्वला योजना से लेकर जनधन, मुद्रा और आयुष्मान योजना तक और फसल बीमा से लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना तक सभी के बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिले। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि जितने काम 50 साल में नहीं हुये थे, वे काम 5 साल में होते देख, जनता ने एक मजबूत विकल्प के रूप में इस बार भी हमें चुनने का फैसला कर लिया है।’

‘अकेले मेरे विभाग में 17 लाख करोड़ रुपये के काम हुए’
यह पूछे जाने पर कि सरकार की उपलब्धियों का जिक्र होने पर सिर्फ उनके मंत्रालय (सड़क परिवहन, जहाजरानी एवं गंगा) के कामों की ही चर्चा होती है, उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है, सभी मंत्रालयों में काम हुआ है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लाभ जरूर मिलता है कि क्योंकि मेरे विभागों के काम दिखते हैं।’ यह पूछे जाने पर कि रोजगार में तेजी से आयी गिरावट और आर्थिक मंदी की हकीकत से क्या सरकार चिंतित नहीं है, गडकरी ने कहा, ‘अकेले मेरे विभाग में 17 लाख करोड़ रुपये के काम हुये। इनमें 11.5 लाख करोड़ रुपये के काम सड़कों के हुए हैं। देश के कुल सीमेंट उत्पादन का 40 प्रतिशत सीमेंट वह (सरकार) खरीदते हैं तो इससे कहीं न कहीं रोजगार तो सृजित हुआ ही है।’

‘सभी बंदरगाह लाभ की स्थिति में हैं’
उन्होंने दलील दी कि सभी बंदरगाह लाभ की स्थिति में हैं और नौवहन से कारोबार शुरु होने से भाड़े की लागत कम होगी। गडकरी ने कहा कि जब लागत कम हो रही हो, रोजगार पैदा हो रहे हों तो मंदी की बात कहां है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा वैश्विक मंदी का भी तकाजा होता है और यह विश्व बाजार में उतार चढ़ाव (चक्र) की एक सामान्य प्रक्रिया का परिणाम होता है।

‘पुलवामा खुफिया विफलता का मामला नहीं है’
यह पूछे जाने पर कि पुलवामा हमले में खुफिया तंत्र की नाकामी को लेकर व्याप्त भ्रम की स्थिति अब भी बरकरार है और क्या इस बारे में किसी की जिम्मेदारी तय करने के लिए सरकार में कभी कोई चर्चा हुयी, गडकरी ने कहा, ‘किसी भी देश में आतंकवादी घटनाओं को खुफिया तंत्र की विफलता के नजरिये से नहीं देखा जाता है। यह लंबी लड़ाई है। अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस सहित तमाम देशों में आतंकवादी घटनायें हुयीं। उन्हें खुफिया तंत्र की विफलता कहना आसान है। खुफिया संगठनों में भी दैवीय व्यवस्था नहीं बल्कि मानवीय व्यवस्था कायम है। इसलिए मुझे लगता है कि यह खुफिया विफलता का मामला नहीं है। जहां तक सरकार में इस पर चर्चा का सवाल है तो ऐसे मुद्दे गोपनीय होते हैं।’

प्रियंका गांधी की चुनौती पर यह बोले गडकरी
यह कहे जाने पर कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीजेपी को चुनौती दी है कि वह नोटबंदी एवं जीएसटी जैसे फैसलों पर चुनाव लड़े और क्या वह मानते हैं कि यह बड़ी उपलब्धियां नहीं है, गडकरी ने जवाब दिया, ‘कालेधन के खिलाफ जो बड़े फैसले किये गये, नोटबंदी उनमें से एक था। सच्चाई यह है कि इससे अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता आयी है। विदेशों में पैसा जमा करने वाली बात भी इससे खत्म हुयी है। GST भी स्वाधीनता के बाद का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है और नोटबंदी ने काले धन पर नकेल कसी है। हम अपने सभी प्रमुख फैसलों का जिक्र करते हैं। कुछ नीतियां ऐसी होती है जिसके परिणाम लंबे समय के बाद मिलते हैं। इन विषयों पर जनता भी चर्चा कर रही है और जनता को ही फैसला भी करना है।’ 

‘इस बार पिछले चुनावों से भी ज्यादा सीटें जीतेंगे’
यह कहे जाने पर कि कई जानकार लोग मान रहे हैं कि चुनावों में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने वाला है, गडकरी ने कहा, ‘बीजेपी को पिछले चुनाव से ज्यादा सीट मिलेंगी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगियों की सीटें भी बढ़ेंगी, जिसके बलबूते बीजेपी सरकार बनाएगी।’

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