Thursday, April 25, 2024
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प्रतिद्वंद्वी परिवारों के बीच एक और चुनावी मुकाबले का मैदान बना उचाना कलां

प्रेम लता ने उचाना कलां में 2014 के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला को हराया था। उस वक्त चौटाला इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) से सांसद थे और इसके बावजूद वह चुनाव मैदान में उतरे थे। पिछले साल वह पार्टी से अलग हो गये। उनके जीत का अंतर महज 7,480 मत था।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: October 16, 2019 17:51 IST
haryana election- India TV Hindi
Image Source : TWITTER प्रतिद्वंद्वी परिवारों के बीच एक और चुनावी मुकाबले का मैदान बना उचाना कलां

उचाना कलांहरियाणा विधानसभा चुनाव में जींद जिले के उचाना कलां सीट से दो मुख्य उम्मीदवार न सिर्फ अपनी-अपनी पार्टियों का बल्कि अपने-अपने परिवार का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मौजूदा विधायक प्रेम लता पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य बीरेंद्र सिंह की पत्नी हैं।

जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत चौटाला अब उस राजनीतिक घराने से अलग हो चुके हैं जिसने देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला जैसे नेता दिये। कुछ लोगों को कहना है कि दो जाट नेताओं पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के प्रपौत्र एवं किसान नेता सर छोटूराम की पौत्र वधू के बीच लड़ा जा रहा 21 अक्टूबर का विधानसभा चुनाव हाल के वर्ष में अन्य चुनावों की तरह ही दिलचस्प रहने वाला है।

प्रेम लता ने उचाना कलां में 2014 के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला को हराया था। उस वक्त चौटाला इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) से सांसद थे और इसके बावजूद वह चुनाव मैदान में उतरे थे। पिछले साल वह पार्टी से अलग हो गये। उनके जीत का अंतर महज 7,480 मत था।

हालांकि उन्होंने 2009 में दुष्यंत के दादा ओम प्रकाश चौटाला के हाथों अपने पति बीरेंद्र सिंह की हार का बदला ले लिया। नरवाना सीट के अनुसूचित जाति के लिये सुरक्षित घोषित होने के बाद इसी साल उन्होंने उचाना कलां का रुख किया था। उन्होंने बीरेंद्र सिंह को उनके ही गढ़ में महज 621 मतों के मामूली अंतर से शिकस्त दी थी।

पलवां गांव से नरेंद्र ने कहा, ‘‘इस बार के चुनाव में अनुमान लगाना मुश्किल है। इस चुनाव को लेकर उत्सकुता अधिक होगी।’’

दुष्यंत चौटाला इससे पहले भी प्रतिद्वंद्वी परिवार के एक सदस्य के हाथों हार का सामना कर चुके हैं। बीरेंद्र सिंह एवं प्रेम लता के बेटे तथा नौकरशाह से नेता बने बृजेंद्र सिंह ने इस साल की शुरुआत में संसदीय चुनाव में हिसार से जीत दर्ज की थी। प्रेम लता और दुष्यंत चौटाला के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है।

इस बीच दुष्यंत ने कहा, ‘‘भाजपा ने हरियाणा का सामाजिक ताना-बाना नष्ट कर दिया है और पार्टी को सबक सिखाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बेरोजगारी के लिये सिर्फ भाजपा सरकार जिम्मेदार है और इस बार के चुनाव में युवाओं को उसे सबक सिखाना चाहिए।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि युवाओं की आय नहीं बढ़ी लेकिन पिछले पांच साल में प्रेम लता की अपनी आय जरूर ‘‘दोगुनी’’ हो गयी। उन्होंने कहा कि अगर जजपा सत्ता में आती है तो वह हरियाणा में 75 प्रतिशत युवाओं को रोजगार सुनिश्चित करेगी।

प्रेम लता ने जजपा के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा, ‘‘वे झूठ बोलते हैं और वे सच्चाई के आगे टिक नहीं पायेंगे।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘सबसे बड़ा सच उचाना कलां और शेष हरियाणा में भाजपा के शासन के दौरान हुआ विकास है।’’ इन दोनों के अलावा चुनाव मैदान जो अन्य उम्मीदवार हैं उनमें बलराम (कांग्रेस), सतपाल (इनेलो), समरजीत (बसपा), रोहतास (आप) और कृष्ण कुमार (स्वराज इंडिया) शामिल हैं। 

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