Saturday, April 27, 2024
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मोदी की बड़ी चुनौती उनके खुद के समर्थक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपने कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा कर रही है। उसके कामकाज की अनेक दृष्टियों से समीक्षा की जाएगी लेकिन यदि सिर्फ सामाजिक दृष्टि से ही देखें तो यह एक वर्ष

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: May 25, 2015 14:24 IST
सामाजिक समरसता को...- India TV Hindi
सामाजिक समरसता को बढ़ावा दे मोदी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपने कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा कर रही है। उसके कामकाज की अनेक दृष्टियों से समीक्षा की जाएगी लेकिन यदि सिर्फ सामाजिक दृष्टि से ही देखें तो यह एक वर्ष बहुत आश्वस्त नहीं करता। नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा देकर सत्ता में आए थे। बहुत जल्दी ही उन्हें यह तय करना पड़ेगा कि वह देश के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहते हैं या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल एवं हिन्दू जागरण मंच जैसे उसके अनेक आनुषांगिक संगठनों के हिंदुत्ववादी एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

भारत जैसा बहुलतावादी देश सांप्रदायिक तनाव, घृणा और हिंसा के माहौल में आर्थिक विकास नहीं कर सकता, न ही वह अंतर्राष्ट्रीय जगत में सम्मान और प्रशंसा अर्जित कर सकता है। आज मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसके राजनीतिक विरोधी नहीं बल्कि उसके अपने समर्थक हैं। दिल्ली देश की राजधानी है और यहां की कानून-व्यवस्था सीधे–सीधे केन्द्रीय गृह मंत्रालय के हाथ में है। इस वर्ष के पहले दो महीनों में दिल्ली में पांच चर्चों पर हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं घटीं। केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति दिल्ली के मतदाताओं से धर्म के आधार पर वोट देने की अपील करने और एक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अपशब्द का प्रयोग करने के कारण विवाद में आ चुकी हैं।

भाजपा सांसद साक्षी महाराज महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘राष्ट्रभक्त’ बता चुके हैं और हिंदुओं से अपील कर चुके हैं कि वे कम-से-कम चार बच्चे पैदा करें वरना वे अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो जाएंगे। विहिप नेता साध्वी प्राची ने पांच बच्चे पैदा करने की अपील के साथ-साथ मुसलमानों पर‘चालीस-पचास पिल्लों’ को पैदा करने का आरोप भी लगा दिया है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने तीन दिन पहले बयान दिया है कि जिन्हें बीफ खाने की इच्छा है, वे पाकिस्तान चले जाएं। एक अन्य केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी कह चुके हैं कि मोदी के विरोधियों की जगह पाकिस्तान में है। आश्चर्य की बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बयान देने के सिवाय कि उनकी सरकार सभी समुदायों के प्रति एक-सा बरताव करेगी, अभी तक इनमें से किसी भी नेता के बयान की सार्वजनिक आलोचना नहीं की है।

मोदी देश के आर्थिक विकास का अपना लक्ष्य तभी प्राप्त कर सकेंगे जब वह देश में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठाएं और संघ परिवार और अपनी सरकार में मौजूद ऐसे तत्वों पर अंकुश लगाएं जो इसे आघात पहुंचाते हैं। पिछले एक साल का रिकॉर्ड इस संबंध में आश्वस्त नहीं करता।  (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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