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IAF हवाई हमलों के बाद अमेरिका की पाकिस्तान को चेतावनी, कहा-आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई में 200-300 आतंकियों के मारे जाने की खबर है।

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नई दिल्ली: अमेरिका ने पाकिस्तान को अपने यहां पल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। भारत की कल की एयरस्ट्राइक के बाद ट्रंप प्रशसन ने पाकिस्तान से कहा है कि वो अपनी सरजमीं पर मौजूद आतंकियों का खात्मा करे। ये बड़ा बयान उस वक्त आया है जब पाकिस्तान ये उम्मीद कर रहा था कि ट्रंप प्रशासन एयर स्ट्राइक के लिए भारत के खिलाफ बयान देगा।​ अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान से कहा कि वह ‘‘अपनी जमीन से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे’ और किसी भी कीमत पर भारत के साथ तनाव को और ज्यादा बढ़ाने से बचे। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने फोन पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी से बात की और सैन्य कार्रवाई से बचने की सलाह दी। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को किए गए एक अन्य फोन कॉल में पोम्पिओ ने अमेरिका और भारत के बीच करीबी रक्षा संबंधों की जरूरत पर बल देते हुए क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लक्ष्य पर चर्चा की।

पोम्पिओ फिलहाल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच होने वाले दूसरे शिखर सम्मेलन के लिए वियतनाम में हैं। पोम्पिओ ने एक बयान में कहा, ‘‘26 फरवरी को भारत की आतंकवाद-विरोधी कार्रवाई के बाद मैंनें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात कर हमारे करीबी रक्षा संबंधों और क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा बनाए रखने के साझा लक्ष्य पर जोर दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी से भी बात कर सैन्य कार्रवाई से बचने और मौजूदा तनाव को कम करने की सलाह दी है। साथ ही पाकिस्तान से आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने को कहा है।’’

इससे पहले पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और से इस विषय पर बात भी की थी। पाकिस्तान के सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ की खबर के अनुसार, कुरैशी ने पोम्पियो के साथ टेलीफोन पर हुई अपनी बातचीत में कहा था कि भारत अपने राजनीतिक उद्देश्यों और चुनाव के लिए दक्षिण एशिया में शांति को खतरे में डाल रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति चाहता है लेकिन वह अपनी क्षेत्रीय अखंडता पर समझौता नहीं करेगा। कुरैशी ने पोम्पियो से कहा कि भारतीय आक्रमण से अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के संयुक्त प्रयासों में बाधा आ सकती है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अमेरिका क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाएगा।

वहीं विकिलीक्स की ओर से लीक की गई अमेरिकी रक्षा विभाग की एक गोपनीय फाइल से खुलासा हुआ था कि करीब 15 साल पहले की इस फाइल में पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के बड़े आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर का जिक्र था। इस दस्तोवज में ग्वांतानामो बे में बंदी बनाकर रखे गए पाकिस्तानी नागरिक हाफिज के. रहमान का जिक्र है। पाकिस्तान के गुर्जर में पैदा हुआ 20 वर्षीय रहमान जिहादी बन गया था।

31 जनवरी 2004 के इस दस्तावेज, जिस पर अमेरिकी थलसेना के मेजर जनरल जेफरी मिलर के दस्तखत थे, में कहा गया था कि रहमान ने पाकिस्तान के बालाकोट में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। बालाकोट एक ‘‘प्रशिक्षण शिविर के ठिकाने के तौर पर जाना जाता है जहां विस्फोटकों एवं आर्टिलरी पर बुनियादी और अत्याधुनिक आतंकवादी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।’’

दस्तावेज के मुताबिक, रहमान ने 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हुए आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका एवं इसके सहयोगी देशों के खिलाफ जिहाद का फैसला अपनी मर्जी से किया था। उसने जैश-ए-मोहम्मद से प्रशिक्षण लेने की बात भी कबूली थी। मिलर ने लिखा था कि जैश अमेरिका के खिलाफ जिहाद करता है और अल-कायदा से इसे सीधा समर्थन मिलता है।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई में 200-300 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। वायुसेना के मिराज 2000 ने मुजफ्फराबाद, बालाकोट, चकोटी, गढ़ी हबीबुल्लाह के आतंकी अड्डों के अलावा खैबर पख्तूनख्वा में मौजूद अड्डों पर भी एयर स्ट्राइक की। वायुसेना ने अटैक में लेजर गाइडेड बम का इस्तेमाल किया और मिराज 2000 ने एक हजार किलो के 10 बम गिराए।

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