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अमेरिका: संसदीय चुनावों में ताल ठोक रहे हैं भारतीय मूल के 20 अमेरिकी, बना रिकॉर्ड

इससे पहले कभी भी भारतीय अमेरिकियों ने इतनी बड़ी संख्या में चुनाव नहीं लड़ा है और यह एक रिकॉर्ड है...

Representational Image | AP Photo- India TV Hindi Representational Image | AP Photo

वॉशिंगटन: इस साल अमेरिका में संसदीय चुनाव के लिए भारतीय मूल के 20 अमेरिकी चुनाव लड़ रहे हैं। आपको बता दें कि इससे पहले कभी भी भारतीय अमेरिकियों ने इतनी बड़ी संख्या में चुनाव नहीं लड़ा है और यह एक रिकॉर्ड है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, सभी ने मिला कर कुल 1 करोड़ 55 लाख डॉलर का चंदा किया है। उनमें से 7 ने 10-10 लाख डॉलर का चंदा किया है। संसदीय चुनाव नवंबर में होने जा रहे हैं। एरिजोना में यह 24 अप्रैल को हो रहा है। वहां हिरल टिपिरनेनी चुनाव लड़ रहे हैं।

भारतीय मूल के अमेरिकियों की ओर से जमा की गई 1 करोड़ 55 लाख डॉलर की चंदा राशि अमेरिका में किसी जातीय समूह की ओर से जमा की गई रिकॉर्ड राशि है। संघीय चुनाव आयोग ने चंदा संग्रह का जो ताजातरीन आकंड़ा जारी किया है उसके अनुसार इलिनोइस के सांसद राजा कृष्णामूर्ति ने सर्वाधिक 35 लाख डॉलर का चंदा जमा किया। वह इलिनोइस के आठवें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ रिपब्लिकन पार्टी के जितेंद्र दिगानकर हैं। भारतीय मूल के वैज्ञानिक एवं उद्यमी शिव अय्यादुरै मैसाचुसेट्स से सीनेट के लिए निर्दलीय उम्मीदवार हैं।

भारतीय मूल के 3 अमेरिकी सांसद रो खन्ना, डा. एमी बेरा और प्रमिला जयापा ने 10-10 लाख डॉलर से ज्यादा की रकम जमा की। प्रमिला के अलावा भारतीय मूल की 4 महिलाएं चुनावी किस्मत आजमा रही हैं। इनमें हिरल टिपिरनेनी, अरूणा मिलर, अनिता मलिक और सायरा राव शामिल हैं। अमेरिकी चुनावों में भारतीय अमेरिकियों की बढ़ती हिस्सेदारी इस बात का सबूत है कि इस देश में भारतवंशियों की पहचान पुख्ता हो रही है।

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