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Hindi News विदेश अमेरिका इस्लामिक स्टेट में शामिल होने वाले एक शरणार्थी को 16 साल की जेल

इस्लामिक स्टेट में शामिल होने वाले एक शरणार्थी को 16 साल की जेल

अमेरिका में ह्यूस्टन की एक अदालत ने इस्लामिक स्टेट में शामिल होने और बम बनाना सीखने की इच्छा रखने के मामले में इराक के एक शरणार्थी को 16 साल कारावास की सजा सुनाई है।

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वाशिंगटन: अमेरिका में ह्यूस्टन की एक अदालत ने इस्लामिक स्टेट में शामिल होने और बम बनाना सीखने की इच्छा रखने के मामले में इराक के एक शरणार्थी को 16 साल कारावास की सजा सुनाई है। फलस्तीनी मूल के 25 वर्षीय उमर फराज सईद अल हार्डन का जन्म इराक में हुआ था और वह इराक एवं जॉर्डन के शरणार्थी शिविरों में रहा था और उसे वर्ष 2009 में अमेरिका में बतौर शरणार्थी रहेने की मंजूरी दी गयी थी। (ब्रिटेन: भारतीय मूल के बैंक कर्मचारी को 6 साल की सजा )

उसे दो वर्ष बाद स्थायी निवास मिल गया। अमेरिका की कानूनी एजेंसियों के अनुसार उसने वर्ष 2013 में कैलिफोर्निया में एक अन्य शरणार्थी से बात करनी आरंभ की और उससे अल नुसरत जिहादी समूह के लिए लड़ने की खातिर सीरिया जाने की चर्चा की। उसने अगले वर्ष एफबीआई के एक मुखबिर के समक्ष इस्लामिक स्टेट समूह के साथ मिलकर लड़ने के लिए यात्रा करने और आईईडी के लिए डेटोनेटर बनाने का प्रशिक्षण लेने की इच्छा जताई।

उसे जनवरी 2016 में गिरफ्तार करके उस पर आईएस को सहायता मुहैया कराने के आरोप लगाए गए। इस बीच वाशिंगटन के पूर्व ट्रांजिट पुलिस अधिकारी निकोलस यंग (37) को भी इस्लामिक स्टेट की मदद करने का दोषी पाया गया। उसे 60 साल कारावास तक की सजा हो सकती है। यंग ने अपना धर्मांतरण करके इस्लाम कबूल किया था।

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