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Hindi News विदेश अमेरिका मालदीव में चीन को मिलकर घेरेंगे भारत और अमेरिका? जानें, पेंटागन ने क्या कहा!

मालदीव में चीन को मिलकर घेरेंगे भारत और अमेरिका? जानें, पेंटागन ने क्या कहा!

'चीन मालदीव के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और वह बड़े पैमाने पर जमीन हथियाने में शामिल है जिससे अमेरिका और भारत दोनों को बड़ा रणनीतिक खतरा है'

Developments in Maldives cause of concern, says Pentagon | AP- India TV Hindi Developments in Maldives cause of concern, says Pentagon | AP

वॉशिंगटन: मालदीव में हो रहे घटनाक्रमों पर पूरी दुनिया की नजर है, खासकर भारत और अमेरिका की। इन दोनों देशों की सबसे बड़ी चिंता इस द्वीपीय देश में चीन का बढ़ रहा प्रभाव है। मालदीव में बड़े पैमाने पर जमीन हथियाने के चीन पर लग रहे आरोपों के बीच पेंटागन ने शनिवार को कहा कि यह अमेरिका के लिए चिंता का कारण है। स्वतंत्र और मुक्त हिन्द-प्रशांत नियम आधारित व्यवस्था के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए पेंटागन ने कहा कि इससे इतर कोई अन्य चीज अमेरिका के लिए चिंता पैदा करेगी। माना जा रहा है कि अब अमेरिका और भारत मिलकर मालदीव में चीन को घेरेंगे।

दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया मामलों के उप सहायक रक्षामंत्री जोए फेल्टर ने कहा, ‘अमेरिका एक स्वतंत्र और मुक्त हिन्द- प्रशांत नियम आधारित व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है।जहां तक चीन के प्रभाव का सवाल है तो हमने मालदीव में कई ऐसे घटनाक्रम देखे हैं जो चिंता का विषय हैं।’ पेंटागन के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हम जानते हैं कि यह भारत के लिए भी चिंता का विषय है। हां जाहिर तौर पर मालदीव की स्थिति चिंता का विषय बन गया है। यह हमारी राष्ट्रीय रक्षा रणनीति में शामिल हमारी कुछ प्राथमिकताओं को भी प्रभावित करता है।’

वह मालदीव में जमीन हथियाने की चीन की गतिविधियों, जिसे सैन्य चौकियों के रूप में विकसित करने की संभावना है, पर मालदीव के नेता विपक्ष एवं पूर्व विदेश मंत्री के आरोपों से संबंधित सवाल का जवाब दे रहे थे। फेल्टर ने कहा कि ये घटनाक्रम उन सभी के लिए ‘चिंता का कारण’ हैं जो नियम आधारित व्यवस्था का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘यदि आप समूचे क्षेत्र में ऐसी गतिविधियां देखते हैं तो इससे आपको कुछ चिंता होती है। जिबूती से लेकर ग्वादर और श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह तक, और अब संभवत: मालदीव तक तथा आगे पूर्व तक विस्तार, यह चिंता का विषय है।’

अमेरिका और भारत दोनों के लिए चिंता की बात
फेल्टर ने उल्लेख किया कि भारत सहित क्षेत्र के अन्य देशों ने भी चिंता व्यक्त की है। हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अहमद नसीम ने आरोप लगाया था कि चीन मालदीव के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और वह बड़े पैमाने पर जमीन हथियाने में शामिल है जिससे अमेरिका और भारत दोनों को बड़ा रणनीतिक खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया था कि मालदीव में चीन एक आधार प्रतिष्ठान बनाना चाहता है जहां एक दिन जंगी जहाज और पनडुब्बियां रखी जा सकती हैं।

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